टुंडे कबाब की दुकानें आज बंद

जानिए वजह

Update: 2022-12-03 01:20 GMT

उत्तर प्रदेश। लखनऊ के 125 साल पुराने टुंडे कबाब की दुकान के मालिक हाजी रईस अहमद का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। शहर के सभी टुंडे कबाब की दुकानें कल बंद रहेंगी।

इस वजह से रहे सुर्खियों में 

लखनऊ के टुंडे कबाब की कहानी बीती सदी के शुरूआत से ही शुरू होती है, जब 1905 में पहली बार यहां अकबरी गेट में एक छोटी सी दुकान खोली गई। हालांकि टुंडे कबाब का‌ किस्सा तो इससे भी एक सदी पुराना है। दुकान के मालिक 70 वर्षीय रईस अहमद के अनुसार उनके पुरखे भोपाल के नवाब के यहां खानसामा हुआ करते थे।

नवाब खाने पीने के बहुत शौकीन थे, लेकिन उम्र के साथ मुंह में दांत नहीं रहे तो खाने पीने में दिक्‍कत होने लगी। बढ़ती उम्र में भी नवाब साहब और उनकी बेगम की खाने पीने की आदत नहीं गई ऐसे में उनके लिए ऐसे कबाब बनाने की सोची गई जिन्हें बिना दांत के भी आसानी से खाया जा सके।

इसके लिए गोश्त को बारीक पीसकर और उसमें पपीते मिलाकर ऐसा कबाब बनाया गया जो मुंह में डालते ही घुल जाए। पेट दुरुस्त रखने और स्वाद के लिए उसमें चुन चुन कर मसाले मिलाए गए। इसके बाद हाजी परिवार भोपाल से लखनऊ आ गया और अकबरी गेट के पास गली में छोटी सी दुकान शुरू कर दी थी।

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