सांसों की सौदेबाजी: भिलाई से नागपुर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर निकला था ट्रक, चालकों ने दूसरे राज्य में पहुंचाने की कोशिश की, पुलिस ने ऐसे पकड़ा
देशभर में कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है, कई राज्यों में तो बड़े स्तर पर कालाबाजारी की जा रही है, ऐसा ही एक मामला आया नागपुर और भिलाई से. भिलाई से नागपुर के लिए चार ऑक्सीजन सिलेंडर आने थे, लेकिन ट्रक चालकों द्वारा उन्हें गुपचुप तरीके से दूसरे राज्यों में पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी. इसी बीच वे पकड़ लिए गए हैं. इनमें से दो टैंकर देवरी बॉर्डर पर और दो को जालना औरंगाबाद हाईवे पर पकड़ा गया.
नागपुर विदर्भ के जिलों में ऑक्सीजन की कमी न हो इसलिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मैदान में उतरना पड़ा है. जिला प्रशासन के साथ ऑक्सीजन सप्लाई के समन्वय का जिम्मा गडकरी ने समाजसेवी प्यारे खान को दिया था. प्यारे खान वे शख्स हैं जिन्होंने खुद नागपुर में ऑक्सीजन के लिए अब तक 1 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च कर दिए हैं.
नागपुर विदर्भ के अन्य जिलों के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति करने का ठेका पर एक निजी कंपनी को दिया गया था, बुधवार को चार टैंकर नागपुर से भिलाई भेजे गए, शाम तक यह टैंकर नागपुर पहुंच जाने थे. लेकिन नहीं पहुंचे. प्यारे खाने ने जांच पड़ताल की तो कंपनी के साइड से पता चला कि चारों टैंकर ब्रेकडाउन हो गए हैं, कंपनी का फोन भी बंद था, किसी प्रकार का समन्वय नहीं होने के कारण खान ने अपनी टीम को भिलाई भेजा, वहां जांच करने पर पता चला कि चारों टैंकर ऑक्सीजन भर कर रवाना हो चुके हैं, खान ने तुरंत जिलाधिकारी रविंद्र ठाकरे और पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार को इसकी जानकारी दी.
आरटीओ अधिकारी ने देवरी बॉर्डर पर नाकेबंदी शुरू कर दी, देर रात 2 कंटेनर चालकों को पकड़ लिया गया. टैंकर चालकों से बाकी दो टैंकर के बारे में पूछताछ की गई. लेकिन उन्होंने कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया, पुलिस ने इन चालको से, फरार हुए इनके बाकी दो साथियों को कॉल करने के लिए कहा. फोन पर उन दोनों ने जालना औरंगाबाद हाईवे पर होने की जानकारी दी, दोनों के मोबाइल नंबर जालना पुलिस को भेजे गए, उनके फोन की लोकेशन के आधार पर जालना पुलिस ने महामार्ग पर नाकेबंदी शुरू कर दी. सुबह ही दोनों टैंकर चालकों को पकड़ लिया गया.
पुलिस ने समय रहते अन्य जिलों की पुलिस के साथ समन्वय शुरू कर दिया था, वरना चारों टैंकर अन्य राज्य में पहुंच जाते. चारों कंटेनर में करीब 16 लाख रुपये का 64 टन ऑक्सीजन था. टैंकर चालक किसके इशारे पर काम कर रहे थे, इसकी जांच चल रही है.
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि नागपुर के लिए चार ऑक्सीजन टैंकरों का कंसाइनमेंट भिलाई से चला था, लेकिन यह कंसाइनमेंट कहीं और डायवर्ट कर दिया गया, पुलिस को इसकी इंफॉर्मेशन दी गई ,पुलिस ने अन्य जिलों की पुलिस के साथ संपर्क करके नाकाबंदी की. चारों टैंकरों को पकड़ लिया गया है.