त्रिकुट रोपवे परिसर को किया गया सील, जानिए वजह

Update: 2022-04-17 06:07 GMT

देवघर: झारखंड के देवघर जिले में हुए त्रिकुट रोपवे हादसे के बाद अब उसे अनिश्चितकाल के लिए सील कर दिया गया है. जिले के मोहनपुर बीडीओ और थाना प्रभारी प्रेम प्रदीप की उपस्थिति में इसे सील किया गया है. साथ ही यहां सीसीटीवी भी लगाया गया है. जब तक रोपवे हादसे की जांच करने के लिए टीम नहीं आती है तब तक उसे सील ही रखा जाएगा.

त्रिकुट रोपवे हादसे के बाद ही लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है. घटना के बाद से ही त्रिकुट में सन्नाटा पसरा हुआ है. पर्यटकों का आना पूरी तरह से बंद है और जांच में किसी तरह की छेड़छाड़ न हो, इसलिए रोपवे कार्यालय से लेकर पूरे रोपवे परिसर को अनिश्चितकाल के लिए सील कर दिया गया है.
देवघर रोपवे हादसा बीते 10 अप्रैल को हुआ था. इसमें 63 पर्यटक रोपवे में फंसे हुए थे. भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और स्थानीय लोगों के द्वारा करीब तीन दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था. उसके बावजूद हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी. इनमें दो देवघर जिले और एक दुमका जिला का रहने वाला था.
रोपवे का संचालन करने वाली कंपनी दामोदर इंफ्रा ने मृतकों के परिजनों और आश्रितों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. वहीं झारखंड सरकार की ओर से भी पांच लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की गई है. हालांकि अभी तक परिजनों को किसी भी तरह का भुगतान नहीं किया गया है.
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