New Delhi. नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष बनाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी. रामासुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का नया अध्यक्ष बनाया गया है। एनएचआरसी के अध्यक्ष पद के लिये भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ का नाम भी सरकार की सूची में शामिल था, लेकिन एनएचआरसी के अध्यक्ष पद के लिए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम को इस पद पर नियुक्त किया गया। इससे पहले जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा का एनएचआरसी के अध्यक्ष के पद पर बीते एक जून को कार्यकाल पूरा हो गया था।
जिसके बाद से ही एनएचआरसी अध्यक्ष का पद रिक्त चल रहा था। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा के बाद एनएचआरसी की सदस्य विजया भारती सयानी को एनएचआरसी का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम की नियुक्ति के साथ ही एनएचआरसी को लगभग 6 महीने बाद फिर स्थाई अध्यक्ष मिल गया है। जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम का जन्म चेन्नई में 30 जून 1958 को हुआ था। उन्होंने चेन्नई के रामकृष्ण मिशन, विवेकानंद कॉलेज से रसायन विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद मद्रास लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम ने 16 फरवरी 1983 को बार काउंसिल के सदस्य के रूप में नामांकित होने के बाद उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय में लगभग 23 वर्षों तक प्रैक्टिस की। इस दौरान 1983 से 1987 तक वरिष्ठ अधिवक्ताओं के. सर्वभौमन और टीआर मणि के साथ काम किया। उन्हें 31 जुलाई 2006 को मद्रास उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्होंने 9 नवंबर 2009 को स्थायी न्यायाधीश का पदभार संभाला। 27 अप्रैल 2016 को उन्होंने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए हैदराबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित होकर न्यायाधिकरण का कार्यभार संभाला। वी. रामसुब्रमण्यम 29 जून 2023 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे।