तिरुवनंतपुरम (आईएएनएस)| कोझिकोड में चलती ट्रेन में आगजनी के मामले में आरोपी शाहरुख सैफी ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उसने खुद ही हमले की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस उसकी बात पर यकीन नहीं कर रही है। मामले की जांच कर रही केरल पुलिस के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि शाहरुख सैफी जो कह रहा है और उस दिन वास्तव में जो हुआ था उसमें काफी विसंगतियां हैं।
अलाप्पुझा से कन्नूर जाने वाली एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे में 2 अप्रैल की रात, जब ट्रेन कोझिकोड जंक्शन से निकलकर एलाथुर में थी, एक युवक ने कुछ लोगों पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। दर्दनाक हादसे में दो साल के शिशु सहित तीन लोगों की मौत हो गई जिनके शव रेलवे ट्रैक पर मिले। कई लोग घायल हो गए जिन्हें कोझीकोड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। घायलों में एक की हालत गंभीर है।
जांच के दौरान पुलिस को पताचला कि आरोपी दिल्ली के शाहीन बाग का रहने वाला है। उसे महाराष्ट्र के रत्नागिरी से गिरफ्तार किया गया। एडीजीपी एम.आर. अजित कुमार के नेतृत्व में केरल पुलिस की विशेष टीम उससे पूछताछ कर रही है, लेकिन पुलिस सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि वह जांच को भटकाने की कोशिश कर रहा है और सवालों के सही जवाब नहीं दे रहा है।
जांचकर्ताओं का मानना है कि शाहरुख सैफी का कोई केरल में मददगार था। वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि वह केरल के पलक्कड़ जिले के शोरनूर कैसे पहुंचा और शोरनूर के कुझापुल्ली में एक पेट्रोल पंप से चार लीटर पेट्रोल कैसे खरीदा।
प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का वरिष्ठ सरगना सी. रौफ, जो इस समय पुलिस की हिरासत में है, शोरनूर के पास पट्टाम्बी का रहने वाला है। उस इलाके में संगठन का बड़ा नेटवर्क है। पीएफआई का मलप्पुरम जिले के मंजेरी में एक धार्मिक केंद्र, सत्य सरनी है। आरोप है कि इस केंद्र का इस्तेमाल जबरन धर्मातरण के लिए किया जाता है। मंजेरी शोरनूर के पास है और यहां भी प्रतिबंधित पीएफआई का बड़ा नेटवर्क है।
पीएफ पर सितंबर 2022 से प्रतिबंध लागू है। इसके बावजूद इस्लामिक समूह को अपनी गतिविधियां चलाने में कोई परेशानी नहीं हो रही है क्योंकि इसकी राजनीतिक शाखा, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) जमीन पर सक्रिय है और पीएफआई के लगभग सभी नेता इसके सदस्य बन गए हैं।
उल्लेखनीय है कि एसडीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव माजिद फैजी नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) के संस्थापक नेताओं में से हैं। एनडीएफ ही बाद में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया बन गया।