पप्पू फरिश्ता
कोहंड गांव से यात्रा पर निकले राहुल
चंडीगढ़। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा लगातार जारी है, आज पदयात्रा का 113 वां दिन है। बता दें कि यूपी में कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शिरकत करने के लिए गैर-बीजेपी दलों को न्योता भेजा था। अखिलेश यादव से लेकर मायावती तक ने राहुल की पहल का स्वागत किया, लेकिन यात्रा से दूरी बनाए रखी। जयंत चौधरी खुद नहीं आए, लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भेजा।
आने वाले दिनों में ये यात्रा हरियाणा से होती हुई पंजाब और फिर आखिर में जम्मू-कश्मीर पहुँचेगी। पिछले चार महीनों में राहुल गांधी की इस यात्रा की वजह से भारतीय मीडिया में उनकी पार्टी से जुड़ी ख़बरें सुर्खियों में रहीं। भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस की इस पद यात्रा में विदेशी मीडिया ने भी रुचि दिखाई है। आइए जानते हैं कि विदेशी मीडिया में राहुल की यात्रा को कैसे देखा जा रहा है। जर्मनी के पब्लिक ब्रॉडकास्टर डी डब्ल्यू (डॉयचे वेले) ने बीते दिसंबर के दूसरे हफ़्ते में प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कांग्रेस पार्टी इस यात्रा के ज़रिए महंगाई, बेरोजग़ारी और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण जैसे मुद्दे उठाकर न सिफऱ् अपनी खोई राजनीतिक ताक़त फिर से हासिल करना चाहती है, बल्कि वह राहुल गांधी को एक जननेता के रूप में भी स्थापित करना चाहती है। डी डब्ल्यू लिखता है, एक राजनीतिक पार्टी जिसने अपने 100 साल के लंबे इतिहास में से ज़्यादातर समय भारतीय राजनीति को दिशा दी है, वह अब 2024 के आम चुनाव से पहले किसी तरह ख़ुद में एक नई जान फूंकने के लिए छटपटा रही है।