धनतेरस आज है। इस दिन घरों और प्रतिष्ठानों पर माता लक्ष्मी का चालीसा व लक्ष्मी सहत्रनाम पाठ करने से सुख समृद्धि आती है। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम सात बजकर तीन मिनट से आठ बजकर 59 मिनट तक है। इसके साथ ही शाम 4:33 बजे से त्रयोदशी लग जाएगी। इसके बाद खरीदारी करना शुभ होगा।
यह जानकारी आचार्य अमरेश मिश्रा ने दी। पं. गौरव तिवारी ने बताया कि आज के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने का विशेष महत्व है। भगवान धन्वंतरि की मूर्ति पर अबीर, गुलाल, रोली व अन्य सुगंधित चीजें चढ़ाकर चांदी के बर्तन से खीर का भोग लगाएं। पूर्व दिशा की ओर मुखकर भगवान की पूजा करें।
मान्यता है कि इस दिन घर में चांदी व सोने का सामान लाने से लक्ष्मी जी का वास होता है। पं. मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि 23 अक्तूबर की शाम यम की प्रसन्नता के लिए दीपदान भी किया जा सकता है। धनतेरस के दिन श्री गणेश लक्ष्मी की चांदी या मिट्टी की मूर्ति खरीदें। मूर्ति की जगह गणेश-लक्ष्मी वाला चांदी का सिक्का भी खरीद सकते हैं। घर लाकर इन पर केसर का तिलक कर पूजन करें और लाल व पीले कपड़े में रख दें। दीपावली के दिन इन सिक्कों का पूजन करें और फिर तिजोरी में रख लें।
दीपावली पर वृष लग्न में करें घर में पूजा
24 अक्तूबर को दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। पं. पीएन द्विवेदी ने बताया कि प्रतिष्ठानों के लिए कुंभ लग्न एक बजकर 59 मिनट से शाम साढ़े तीन बजे तक उत्तम है। घर में पूजन के लिए वृष लग्न शाम छह बजकर 36 मिनट से आठ बजकर 33 मिनट तक श्रेष्ठ है। षष्ठी तिथि का क्षय होने के कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्तूबर को मनाई जाएगी। भाई दूज व चित्रगुप्त पूजा 27 अक्तूबर गुरुवार को की जाएगी। 25 अक्तूबर मंगलवार को सूर्य ग्रहण है। ग्रहण का स्पर्श शाम चार बजकर 37 मिनट से पांच बजकर 14 मिनट तक है। मोक्ष पांच बजकर 32 मिनट पर होगा।