टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के वकील की दलील

Update: 2023-08-11 04:01 GMT

वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिलकिस बानो के खिलाफ किया गया अपराध धर्म के आधार पर किया गया मानवता के खिलाफ अपराध था। उन्होंने गुजरात सरकार पर अपना काम करने में विफल रहने का आरोप लगाया। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ जनहित याचिका में दिए गए तर्कों पर विचार कर रही थी।

याचिकाकर्ताओं ने बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी तीन साल की बेटी सहित उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में गुजरात सरकार द्वारा 11 दोषियों को दी गई छूट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई लगातार चौथे दिन जारी रही, जिसमें बिलकिस बानो द्वारा दायर याचिका भी शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित सिद्धांतों की अनदेखी

जनहित याचिका याचिकाकर्ताओं में से एक तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की ओर से पेश इंदिरा जयसिंह ने तर्क दिया कि राज्य सरकार ने महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के बजाय उन दोषियों की सजा माफ कर दी है जो हत्या और दुष्कर्म में शामिल थे।

उन्होंने पीठ को बताया कि जब बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, तब वह पांच महीने की गर्भवती थी। उन्होंने कहा कि यह एक क्रूर, अमानवीय और अपमानजनक कृत् था। इंदिरा जयसिंह ने तर्क दिया कि गुजरात सरकार द्वारा निर्धारित छूट नीति कोई नीति नहीं है, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित सिद्धांतों की अनदेखी करती है।

साथ ही, नीति छूट देने के लिए गंभीरता के आधार पर अपराध को वर्गीकृत करने में भी विफल रही। वकील वृंदा ग्रोवर ने आगे कहा कि अपराध मानवता के खिलाफ किए गए थे और हमले केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज के खिलाफ किए गए थे।

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