Shimla. शिमला। आईजीएमसी में आए दिन या तो मशीन खराब रहती है या फिर मरीजों के रूटीन के टेस्ट समय पर नहीं हो रहे हैं। सरकारी लैब में विभिन्न विभागों के टेस्ट, जिसमें थायराइड, शुगर टेस्ट, लिपिड प्रोफाइल टेस्ट, एचडीएल टेस्ट करने में आनाकानी की जा रही है। मरीजों को क्रस्ना लैब की कतारों में खड़ा होने को मजबूर होना पड़ रहा है। बता दें कि रिजेंट किट न होने की वजह से शुगर टेस्ट, लिपिड और थायराइड टेस्ट दो महीने से नहीं हो रहे हैं। इसके साथ ही पिछले एक हफ्ते से सरकारी लैब में हेमेटोलॉजी का कंप्लीट हीमोग्राम के टेस्ट भी रिजेंट न होने की वजह से नहीं हो पा रहे हैं। रिजेंट न होने की वजह से एमर्जेंसी लैब भी बंद हो गई है।
बायोकेमिस्ट्री और पैथोलॉजी विभाग में करोड़ों की मशीनें और पूरा स्टाफ होने के बावजूद मरीजों के टेस्ट करने में आनाकानी की जाती है और मरीजों को मजबूरन क्रस्ना लैब में टेस्ट करवाने के लिए दोपहर बाद का इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे मरीजों के कुछ टेस्ट सरकारी लैब में तो कुछ दोपहर बाद निजी क्रस्ना लैब में होते हैं। इससे मरीजों की टेस्ट रिपोर्ट न तो समय पर आती है और न ही मरीजों का उपचार समय पर हो रहा है। इसके चलते मरीजों को बार-बार अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बता दें कि सरकारी लैब में सभी टेस्ट फ्री होते हैं। वहीं, क्रस्ना लैब में करवाए गए टेस्ट का बिल सरकार द्वारा दिया जाता है।