तीन साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या, तीन साल बाद डीएनए टेस्ट रिपोर्ट से हुआ ये खुलासा

सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में तीन साल की बच्ची की हत्या के तीन साल पुराने मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है.

Update: 2021-08-24 07:41 GMT

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में तीन साल की बच्ची की हत्या के तीन साल पुराने मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक अबोध बच्ची के साथ रेप के बाद आरोपियों ने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी. इसके बाद आरोपियों ने उसके शव को जलाकर फेंक दिया था जिससे शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी.

मुरादाबाद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिटी अमित आनंद ने बताया कि शव की शिनाख्त नहीं होने के बाद डीएनए टेस्ट कराया गया जिसके बाद खुलासा हुआ. उन्होंने बताया कि 6 सितंबर 2018 को सिविल लाइन थाना क्षेत्र में तीन साल की एक बच्ची का शव जली हुई अवस्था में मिला था. 5 सितंबर 2018 को परिवार ने अपनी तीन साल की बच्ची की गुमशुदगी दर्ज करवाई थी. अगले दिन शव मिलने के बाद पुलिस ने शव की शिनाख्त करने के लिए परिजनों को बुलाया भी था लेकिन शव बहुत बुरी तरह से जला हुआ होने की वजह से शिनाख्त नही हो पाई थी जिसके बाद पुलिस ने शव और परिजनों का डीएनए कराया.
तीन साल बाद डीएनए टेस्ट रिपोर्ट आने पर बच्ची के इसी परिवार का होने की बात सामने आ गई. एसपी सिटी के मुताबिक मासूम बच्ची की हत्या के मामले में पकड़े गए हत्यारोपियों रविंद्र और मिंटू ने पूछताछ के दौरान बताया कि 5 सितंबर 2018 को जन्माष्टमी के दिन जुलूस में से तीन साल की बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने बहला-फुसला कर अपने साथ ले गए थे. उसके बाद शराब के नशे में बच्ची के साथ रेप किया और उसके बाद उसका गला घोंटकर हत्या कर दी थी. रेप की वारदात और बच्ची की पहचान छिपाने के लिए शव कूड़े के ढेर पर फेंक दिया. कूड़े के ढेर में आग लगाई गई थी.
शव जला होने की वजह से उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी. पुलिस ने बच्ची की तस्वीर के साथ गुमशुदगी के एंगल से मामले की जांच शुरू की तब रविंद्र की ओर से टॉफी दिलाए जाने का खुलासा हुआ. इस क्लू के आधार पर पुलिस ने रविंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बच्ची को टॉफी दिलाने का आरोप तो स्वीकार किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसके बाद उसने बच्ची को अपने साथी मिंटू को सौंप दिया था. रविंद्र ने पुलिस को बताया था कि मिंटू बच्ची को लेकर कहां गया, इसकी जानकारी मुझे नहीं है. पुलिस ने उसे अपहरण की धाराओं में मामला पंजीकृत कर जेल भेज दिया.
बच्ची के अपहरण के मामले में जेल गया रविंद्र साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान परोल पर जेल से बाहर आया था. शव का शिनाख्त न होने पर पुलिस ने डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल भेज दिया था. डीएनए रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने रविंद्र से जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया. रविंद्र ने बताया कि उसने और मिंटू ने शराब के नशे में बच्ची का अपहरण किया और उसके साथ रेप कर गला घोंट हत्या कर दी. हत्या के बाद बच्ची को कूड़े के ढेर पर फेंक कर चले गए थे जो जल रहा था.

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