तीन कोरियन युवतियों के साथ बदसलूकी, ईसा मसीह के बारे में की टिप्पणी
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मेरठ: शनिवार की शाम मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी पहुंची तीन कोरियन युवतियों के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है. आरोप है कि कुछ छात्रों ने इन लड़कियों के साथ ना केवल बदसलूकी की, बल्कि उनके सामने धार्मिक नारे लगाते हुए उनका रास्ता रोकते हुए ईसा मसीह के बारे में टिप्पणी की. सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंची. इसके बाद जांच पड़ताल के बाद तीनों लड़कियों को पुलिस ने सुरक्षित तरीके से दिल्ली पहुंचा दिया. वहीं उनके बारे में कोरियन एंबेसी को भी सूचित किया गया है.
जानकारी के मुताबिक कोरिया की रहने वाली यह तीनों लड़कियां दिल्ली के किसी संस्थान में पढ़ाई करती है. शनिवार को वह अपनी भारतीय मित्र खुशी से मिलने के लिए मेरठ पहुंची थी. इन लड़कियों ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि खुशी ने ही उन्हें यूनिवर्सिटी आने को कहा, लेकिन यहां पहुंचते ही कुछ छात्रों ने उन्हें घेर लिया और ट्रोल करने लगे. यहां तक कि कुछ छात्रों ने उनके साथ छेड़छाड़ और बदसलूकी की और उनके सामने धार्मिक नारे लगाने लगे. लड़कियों ने छात्रों पर रास्ता रोकने और ईसा मसीह के बारे में टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया. उधर, छात्रों ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि यह तीनों लड़कियां धर्मांतरण कराने का प्रयास कर रही थी.
पुलिस ने बताया कि छात्रों के हंगामे की सूचना पर सिविल लाइंस थाने से पुलिस बल को मौके पर भेजा गया. वहां से पुलिस दोनों पक्षों को लेकर थाने आई और सभी लोगों का बयान दर्ज किया गया. सिविल लाइंस कोतवाल अरविंद चौरसिया ने बताया कि धर्मांतरण जैसी कोई प्रमाण और सबूत नहीं मिला है. फिलहाल दोनों पक्षों का बयान दर्ज करने के बाद तीनों लड़कियों को दिल्ली पहुंचा दिया गया है. वहीं उनके संबंध में कोरियन दूतावास को सूचित कर दिया गया है.
यूनिवर्सिटी के छात्रों पुलिस को बताया कि यह तीनों लड़कियां कैंपस में धर्मांतरण का प्रयास कर रही थीं. यह लड़कियां हिंदू लड़कों को हाथ में कलावा नहीं बांधने और जो लोग पहले से कलावा बांधे हुए थे, उन्हें निकाल फेंकने के लिए कह रही थी. इसकी सूचना मिलते ही छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया. उधर, हंगामा होते देख लड़कियों ने भी इन छात्रों का वीडियो बनाना शुरू कर दिया. लड़कियों ने बताया कि वह तो अपने भारतीय मित्र से मिलने आए थे, लेकिन यहां छात्रों ने उन्हें फंसाने का प्रयास किया. इन लड़कियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने कैंपस में कुछ छात्रों से उनके धर्म के बारे में जानकारी मांगी थी.