IPS अधिकारी होने का धौंस, बीफ मंडी चला रहे थे आरोपी

पुलिस ने किए खुलासे

Update: 2024-02-21 11:38 GMT

अलवर। अलवर में बीफ की मंडी में गो तस्करी के मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में पांच मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस को आईपीएस ऑफिसर का फर्जी कार्ड मिला है. पुलिस ने बताया कि गो तस्कर के आरोपी आलीशान घर और महंगी गाड़ियों में घूमते थे. जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला है कि ये तस्कर दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा समेत एनसीआर के कई होटल, पब व महंगे रेस्टोरेंट में बीफ सप्लाई करते थे. दो भाई इस पूरे काम को ऑपरेट करते थे.

22 नामजद लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. लेकिन पुलिस अभी सिर्फ पांच आरोपियों को ही पकड़ पाई है, अन्य फरार हैं. पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है. किशनगढ़बास के रुंध गिदावाड़ा के बीहड़ जंगलों में बीफ की मंडी चलती थी.

मुख्यमंत्री भजन लाल के निर्देश पर आईजी किशनगढ़ बास एसएचओ समेत 38 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया है. जबकि चार को निलंबित किया जा चुका है. इस मामले में लगातार तीन दिनों तक 300 पुलिसकर्मियों ने जिले के अलग-अलग इलाकों में दबिश दी. प्रशासन ने अब तक 160 बीघा सरकारी जमीन को बुलडोजर चलाकर गो तस्करों से मुक्त करवा चुकी है.

20 से ज्यादा मकानों को ध्वस्त किया जा चुका है. प्रशासन का बुलडोजर लगातार चल रहा है. साथ ही अवैध बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं. पुलिस ने मेदवास निवासी रत्ती खान, सलीम, कासम, बिरसंगपुर निवासी मौसम व असलम को गिरफ्तार किया है. एसपी अनिल बेनीवाल ने बताया कि अभी तक की पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं. गैंग के मास्टरमाइंड वारिस ने आईपीएस ऑफिसर का फर्जी कार्ड बनाया हुआ था. वह जमीनों पर कब्जा और अवैध बिजली कनेक्शन दिलाने का काम करता था. इकबाल हरियाणा और राजस्थान पुलिस से संपर्क का जिम्मा संभालता था. इकबाल व वारिस गैंग के मुख्य सरगना हैं.


Tags:    

Similar News

-->