पूरी दुनिया में बढ़ा खतरा, ओमिक्रॉन के एक नए रूप की एंट्री!

Update: 2021-12-09 04:46 GMT

Photo Credit: Getty Images

Omicron variant: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का सबसे पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. WHO ने ओमिक्रॉन (B.1.1.529) को वैरिएंट ऑफ कंसर्न की सूची में डाला है. अब इस वैरिएंट को लेकर एक बड़ी बात सामने आई है. B.1.1.529 वैरिएंट दो वंशों BA.1 और BA.2. में विभाजित हो गया है. वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि ओमिक्रॉन के नए लीनिएज BA.2 के कई मामले दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में मिले हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन के नए प्रकार का पता लगाना ज्यादा मुश्किल है.

ओमिक्रॉन में लगभग 50 से भी ज्यादा म्यूटेशन हैं. इसका सबसे पहला मामला 8 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. इसके बाद से ही ये भारत समेत 34 देशों में फैल चुका है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन का वंश में विभाजन वैज्ञानिकों के लिए ज्यादा दिलचस्प का विषय है क्योंकि ये महामारी विज्ञान को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगा. आम आदमी के लिए इससे चिंतित होने की कोई बात नहीं है.
इससे पहले डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2), भी पहले दो और फिर तीन वंशों में विभाजित हो गया था जिसमें डेल्टा प्लस भी शामिल था. बाद में ये लगभग 100 की संख्या में कई वंशों में बंट गया था लेकिन अच्छी बात ये रही कि इससे लोगों को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा था. ओमिक्रॉन वैरिएंट के अलग-अलग हो जाने पर दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB), के वरिष्ठ वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने ट्वीट एक भी किया है. उन्होंने लिखा 'B.1.1.529 (ओमिक्रॉन) वंश अब BA.1 और BA.2 में विभाजित हो गया है. इसमें BA.1 में मूल वंश जबकि BA.2 में बाहरी के साथ लगभग 24 म्यूटेशन शामिल होंगे.'
ओमिक्रॉन के इन दो वंशों को उनके म्यूटेशन के आधार पर बांटा गया है. इनके कुछ म्यूटेशन दोनों वैरिएंट्स में आम हैं लेकिन कुछ दोनों वंशों में अलग-अलग हैं. दिलचस्प बात यह है कि वंश (BA.1) में एस-जीन नहीं पाया जाता है जिससे मौजूदा आरटी-पीसीआर के माध्यम से ओमिक्रॉन वैरिएंट को पहचाना जा सकता है. वहीं दूसरे वंश में BA.2 में एस जीन की अनुपस्थिति का पता नहीं चलता है. यानी ओमिक्रॉन के इस नए रूप का पता लगाना और मुश्किल हो सकता है.

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