दुनिया के लिए मिसाल बनी ये महिला, संक्रमण के डर किए बिना शवों को पहुंचा रहीं कब्रिस्तान
पूरी दुनिया में इस समय लोग हर तरह से कोरोना वायरस (Coronavirus Crisis) से बचाव के तरीके तलाश रहे हैं
पूरी दुनिया में इस समय लोग हर तरह से कोरोना वायरस (Coronavirus Crisis) से बचाव के तरीके तलाश रहे हैं. लोग कम से कम घरों से बाहक जाने की कोशिश कर रहे हैं. कोरोना काल (Corona Updates) में जहां लोग एक दूसरे की मदद के लिए भी हिचकते नजर आ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ पुणें की एक महिला देश और दुनिया के लिए नई मिसाल कायम कर रही है. हम जिस महिला की बात कर रहे हैं वह एक एंबुलेंस ड्राइवर है.
इस महिला एंबुलेंस ड्राइवर का नाम अनीता गोस्वी है. जानकारी के अनुसार यह पिंपरी चिंचवाड़ की रहने वाली हैं. अनीता रोजना लगभग 23 किलोमीटर की दूरी तय करके अपनी एंबुलेंस से शवों को कब्रिस्तान तक पहुंचाने का कठिन काम करती हैं. यह काम किसी भी महिला के लिए इतना आसान नहीं है.
बताया जा रहा है कि पहले लोगों को यह मालूम नहीं था कि अनीता शवों को पहुंचाने का काम करती हैं. लोग समझते थे कि वह केवल मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाती हैं. लोगों की आंख तब खुली रह गईं जब एक दिन उन्होंने एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति की डेड बॉडी को कब्रिस्तान पहुंचाया.
समाजसेवी ने कही ये बात
इसके बारे में जानकारी देते हुए समाजसेवी जावेद खान ने कहा कि उन्हें करीब आधी रात को कब्रिस्तान में शव आने का फोन आया. वह जब कब्रिस्तान पहुंचे तो उन्होंने देखा कि जिस एंबुलेंस में शव को लाया गया उसे एक महिला ड्राइवर चला रही थी. उन्होंने कहा कि अनीता जिस बहादुरी के साथ यह काम करती हैं वह दुनिया के लिए एक नई मिसाल है और यह किसी भी महिला के लिए आसान काम नहीं है.
सवालों का अनीता ने दिया बेबाक जवाब
अपने काम के बारे में अनीता ने कहा कि मुझे अपने काम से लगाव है और मुझे किसी भी तरह की हिचक नहीं है. उन्होंने कहा चाहे अस्पताल हो या फिर घर मैं हर जगह से शवों को कब्रिस्तान तक पहुंचाने का काम करती हूं. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि सिर्फ शवों को ही नहीं वह मरीजों को भी अस्पताल तक पहुंचाती हैं. जब उनसे पूछा गया कि रात में शव ले जाने में आपको डर नहीं लगता को उन्होंने कहा कि इसमें किस तरह का डर. अब मुझे इस काम में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती.