लापरवाही की हद है! ऑपरेशन के दौरान महिला मरीज के पेट में बैंडेज छोड़ा, फिर...

दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

Update: 2024-06-26 05:24 GMT
सांकेतिक तस्वीर
बिहारशरीफ: बिहार के एक सरकारी अस्तपताल में ऑपरेशन के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई है। मामला बिहारशरीफ स्थित नालंदा जिले के सदर अस्पताल का है। जहां ऑपरेशन के दौरान महिला मरीज के पेट में टेट्रा (बैंडेज) छोड़ दिए गए। महिला के पति ने मंगलवार को इसकी शिकायत डीएम के जनता दरबार में की। इसे गंभीरता से लेते हुए डीएम शशांक शुभंकर ने सिविल सर्जन डॉ. श्यामा राय और सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अशोक कुमार को जांच का आदेश दिया है। डीएम ने तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि दोषी को बख्शा
नहीं जाएगा।
पटना के सकसोहरा थाना क्षेत्र के अंदौली गांव निवासी रवीन्द्र पासवान ने डीएम को आवदेन देकर बताया कि उनकी पत्नी बेबी देवी अपने मायके सरमेरा-नालंदा के धनावां गांव में रह रही थीं। 25 नवंबर 2023 की रात प्रसव पीड़ा होने पर उसको सरमेरा अस्पताल में भर्ती कराया। अगले दिन सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां दोपहर में महिला डॉक्टर ने ऑपरेशन किया। इसके बाद बच्ची ने जन्म लिया।
करीब डेढ़ माह बाद से बेबी देवी अक्सर पेट दर्द की शिकायत करने लगी। स्थानीय चिकित्सकों से इलाज कराया। लेकिन, तकलीफ दूर नहीं हुई। 11 मई 2024 को जब पटना में एक बड़े डॉक्टर से दिखाया तो पेट में टेट्रा होने का प्रमाण मिला। इसके बाद ऑपरेशन कर टेट्रा निकाला गया। इसमें चार से पांच लाख खर्च हो गए। अभी एक और ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई है।
आर्थिक रूप से कमजोर रवींद्र पासवान दो दिन पहले बिहारशरीफ सदर अस्पताल में ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर से मिले। लेकिन, अपशब्द कहते हुए डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल से भगा दिया। आखिरकार, रवींद्र पासवान ने डीएम से मिलकर पूरी जानकारी दी। पीड़िता के पति ने साक्ष्य के रूप में सदर अस्पताल के पूर्जा के साथ ही पटना के निजी अस्पताल में कराए गए इलाज का पूरा दस्तावेज भी जमा कराया है।
ऑपरेशन के वक्त शरीर से निकलने वाला पानी अथवा खून को सोखने के लिए बैंडेज के कई टुकड़े डाले जाते हैं। लेकिन, बाद में उन्हें गिनकर निकाल लिया जाता है। इस मामले में एक या उससे अधिक टुकड़े पेट में ही रह गए, जो बाद में महिला के लिए पीड़ादायी बन गए।
Tags:    

Similar News

-->