इस बेटी ने साइबर वर्ल्ड में रच डाला इतिहास, दुनिया कर रही सलाम

बेटी कामाक्षी शर्मा साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।

Update: 2022-03-10 11:28 GMT

गाजियाबाद: गाजियाबाद की बेटी कामाक्षी शर्मा साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। लोगों को जागरूक करने के साथ अब तक 50 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दे चुकी है। इस काम के लिए दुनिया में उनकी तारीफ हो रही है। शहर की बेटी का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है।

गाजियाबाद के ओल्ड पंचवटी कॉलोनी निवासी कामाक्षी शर्मा के पिता रघु शर्मा दिल्ली में नौकरी करते हैं। मां ममता शर्मा गृहणी हैं।
कामाक्षी ने गाजियाबाद में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। इसके बाद वर्ष 2017 में गढ़वाल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया। वह साइबर अपराध के विषय में एक्सपर्ट हैं। कमाक्षी ने पढ़ाई के दौरान ही साइबर अपराध के खिलाफ लोगों को जागरूक करने की ठानी। यही वजह है कि पढ़ाई पूरी होने के बाद नौकरी की तलाश न करके साइबर ठगी से बचाने के लिए लोगों को प्रेरित करने का रास्ता चुना।
पुलिस को साइबर अपराध से निपटने के तौर तरीके बताए। उन्होंने बिना किसी संस्था से जुड़े वर्ष 2019 में नौ सितंबर से अक्तूबर तक जम्मू से एक यात्रा आरंभ की। जम्मू से पंजाब, चंडीगढ़ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र होते हुए 13 अक्तूबर को कन्याकुमारी में यात्रा खत्म हुई। इस दौरान उन्होंने 50 हजार पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध की जानकारी दी ताकि साइबर अपराध की मजबूती से पैरवी हो सके। साइबर अपराध की विवेचना किस तरह होनी चाहिए, इसका प्रशिक्षण दिया गया। ऐसा होने पर अपराधी को सख्त सजा मिल सकेगी। कामाक्षी ने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी लड़की का गलत फोटो लगाने वालों को कैसे पकड़ा जा सकता है। उस फोटो को कैसे डिलीट कर सकते हैं। इन सभी का प्रशिक्षण दिया। कामाक्षी के प्रशिक्षण को पुलिस की ओर से काफी तारीफ की गई। इसका उन्हें लाभ भी मिल रहा है।
कमाक्षी ने श्रीलंका में ट्रेनिंग दी है। इसके अलावा अन्य देश से भी बुलावा आया है। उनका कहना है कि पुलिस और लोगों के लिए निशुल्क काम करना है। आज साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को इससे बचने के तौर तरीके आने चाहिए।
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