Upper barot-बडोई के 150 परिवारों को सताएगी प्यास

Update: 2024-06-23 12:16 GMT
Sarkaghat. सरकाघाट। उपमंडल सरकाघाट की ग्राम पंचायत अपर बरोट के गांव बड़ोई में 150 वर्ष पुरानी बावड़ी के पास बोरवेल करने आई कंपनी की टीम का जनता ने भारी विरोध किया। इस मसले पर ग्रामीण पूरी तरह एकजुट हो गए हैं। इस दौरान लोगों ने बावड़ी के पास बोरवेल नहीं करने दिया। ग्रामीणों के अनुसार यह बाबड़ी 150 वर्ष पुरानी है और इस बावड़ी पर अप्पर बरोट व बडोई गांव के लगभग 150 परिवार निर्भर हंै। गर्मियों में यही एक मात्र बावड़ी है, जो सूखती नहीं है। क्षेत्र के अन्य जल स्त्रोत व नल सूख जाते हैं। लेकिन इस बावड़ी में हमेशा साफ – सुथरा पानी रहता है। ऐसी बावडिय़ां आसपास कहीं नहीं हैं। यहां लोगों को कभी पानी की समस्या का
समाधान नहीं करना पड़ता है।

किसी भी सूरत में इस बावड़ी को ग्रामीण उजडऩे नहीं देंगे। लेकिन अगर कंपनी चाहे तो बावड़ी से 500 मीटर की दूरी पर बोरवेल बना कर लोगों को सुविधा दे सकता है। ग्रामीणों ने कहा कि इस बाबड़ी के साथ बोरवेल किया जाता है तो इस बावड़ी का पानी सूख जाएगा और आसपास के लोग पानी की बूंद-बूंद को तरसने के लिए मजबूर हो जाएंगे। सरकार को चाहिए कि जो हमारे प्राकृतिक स्त्रोत हैं, उनके आसपास इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाएं, ताकि इन स्त्रोतों को बचाया जा सके। अपर बरोट के ग्रामीण बावड़ी को नहीं देंगे उजडऩे अपर बरोट के ग्रामीणों का दो टूक कहना है कि वे बाबड़ी को कतई उजडऩे नहीं देंगे। अगर कंपनी चाहे तो बावड़ी से 500 मीटर की दूरी पर वोरवैल बना सकता है।
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