नई दिल्ली: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सवाल उठाए हैं। मंगलवार को राहुल गांधी ने कहा कि बिहार, गुजरात और हरियाणा में हुई गिरफ्तारियों से साफ है कि परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से संगठित भ्रष्टाचार हुआ है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्य पेपर लीक का एपिसेंटर बन चुके हैं। नीट में 24 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ पर भी नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह मौन धारण किए हुए हैं। हमने अपने न्यायपत्र में पेपर लीक के विरुद्ध सख्त कानून बनाकर युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने की गारंटी दी थी। अब विपक्ष की जिम्मेदारी निभाते हुए देशभर के युवाओं की आवाज सड़क से संसद तक मजबूती से उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि हम सरकार पर दबाव डालकर कठोर नीतियों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। कांग्रेस ने नीट को लेकर स्वतंत्र फॉरेंसिक जांच की मांग की है। कांग्रेस ने उदाहरण देते हुए कहा कि इस वर्ष नीट में 600 अंक पाने वाले उम्मीदवारों की संख्या 80,468 है। जबकि, सरकारी मेडिकल कॉलेजों में केवल 55,000 सीटें हैं, ऐसे में ये छात्र सरकारी कॉलेजों में कैसे दाखिला पा सकते हैं।
कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार और शिक्षा मंत्री को नीट घोटाले में सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र फॉरेंसिक जांच का आदेश देना चाहिए। पीएम मोदी भी इस विषय पर अपना वक्तव्य दें।
कांग्रेस ने कहा है कि कई छात्र ऐसे थे, जिन्हें 12वीं पास करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। लेकिन, नीट में वही छात्र बेहतरीन अंक लाए हैं। इसी के चलते 12वीं बोर्ड के अंकों को नीट के अंकों के साथ सह-संबंधित किया जाना चाहिए। अगर डेटा बताता है कि हजारों लोगों ने बोर्ड परीक्षा में कम अंक प्राप्त किए हैं और नीट में बहुत अधिक अंक प्राप्त किए हैं, तो पेपर लीक के आरोप सही हैं।