...तो देश भर में खुल जाएंगे प्राइमरी स्कूल, ICMR ने दी ये सलाह

Update: 2021-07-20 11:57 GMT

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर (Corona Virus Second Wave) भले ही कमजोर पड़ गई है, लेकिन वैज्ञानिक तीसरी लहर (Third Wave) के आने का अंदेशा बार-बार जता रहे हैं. तीसरी लहर के खतरे के बीच कई राज्यों में फिर से स्कूल खोलने (School Opening) की तैयारी शुरू हो गई है. इस बीच आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव (Dr. Balram Bhargav) ने स्कूल खोलने पर एक बड़ी बात कही है.

मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब डॉ. भार्गव से स्कूल खोलने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शुरुआत में प्राइमरी स्कूल (Primary School) खोले जा सकते हैं क्योंकि छोटे बच्चों में एडल्ट की तुलना में संक्रमण (Infection) होने का खतरा कम है. उन्होंने बताया कि यूरोप के कई देशों ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भी प्राइमरी स्कूल को खोल रखा था. उन्हें बंद नहीं किया था. इसलिए शुरुआत में प्राइमरी स्कूल खोले जा सकते हैं और उसके बाद सेकंडरी स्कूल (Secondary School) खोले जा सकते हैं.
डॉ. भार्गव ने बताया, एडल्ट्स की तुलना में छोटे बच्चे वायरस को बहुत आसानी से हैंडल कर लेते हैं. छोटे बच्चों के लंग्स में ACE रिसेप्टर्स कम होते हैं, जहां वायरस अटैक करता है. क्योंकि बच्चों में ACE रिसेप्टर्स कम होते हैं, इसलिए उनमें इन्फेक्शन (Infection) का खतरा कम देखा गया है. मगर दूसरी बात ये भी देखी गई है कि 6 से 9 उम्र के बच्चों में 57.2% एंटीबॉडी देखी गई है, जो एडल्ट के लगभग बराबर है.
उन्होंने ये भी बताया कि कोरोना के बीच यूरोप के कई देशों ने प्राइमरी स्कूल बंद ही नहीं किए थे. इसलिए हम लोगों की हिदायत ये है कि प्राइमरी स्कूल पहले खोले जा सकते हैं और फिर सेकंडरी स्कूल खोले जा सकते हैं. पर जितना भी सपोर्ट स्टाफ है, जैसे टीचर, बस ड्राइवर और दूसरा स्टाफ को वैक्सीनेटेड होना जरूरी है.
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