12 बीजेपी विधायकों पर अयोग्यता की तलवार, सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात...
जानें पूरा मामला.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे पर चुनाव आयोग के ओपिनियन पर फैसला लेने में गवर्नर देरी नहीं कर सकते हैं. मणिपुर असेंबली के 12 बीजेपी विधायकों के ऑफिस ऑफ प्रोफिट मामले में अयोग्यता को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी ओपिनियन दे रखी है और गवर्नर को फैसला लेना है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर के गवर्नर अयोग्यता के मामले में चुनाव आयोग के रेफरेंस के बाद उस पर बैठ नहीं सकते हैं. वह फैसले को लेकर बैठ नहीं सकते हैं. कुछ तो फैसला होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट कारोंग से विधायक डीडी थाईसी और अन्य द्वारा 12 विधायकों को अयोग्य घोषित करने से जुड़ी मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. वहीं सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध करते हुए राज्य सरकार के वकील ने कहा कि सालिसिटर जनरल दूसरी पीठ के समक्ष एक अन्य मामले में बहस कर रहे हैं. इसके बाद कोर्ट ने इसकी सुनवाई 11 नवंबर के लिए स्थगित कर दी.
मणिपुर से भाजपा के 12 विधायकों पर 2018 में 'ऑफिस ऑफ प्रोफिट' मामले में संसदीय सचिव के पद पर आसीन होने की वजह से अयोग्यता की तलवार लटकी है. मामले में राज्यपाल ने पिछले साल अक्टूबर में चुनाव आयोग की राय मांगी थी.