12वीं की परीक्षा संबंधी फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं कक्षा के प्राइवेट, पत्राचार और सेकेंड कंपार्टमेंट के छात्रों की परीक्षा को लेकर अपने 22 जून के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है।

Update: 2021-07-29 18:49 GMT

नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं कक्षा के प्राइवेट, पत्राचार और सेकेंड कंपार्टमेंट के छात्रों की परीक्षा को लेकर अपने 22 जून के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कोरोना महामारी के बीच आफलाइन परीक्षा लेने के लिए सीबीएसई की मूल्यांकन योजना में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया था। याचिका में उस योजना की समीक्षा का आग्रह किया गया था, जिसके तहत इस साल 15 अगस्त से 15 सितंबर के बीच आफलाइन परीक्षाओं का आयोजन किया जाना है।

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने अपने आदेश में कहा, मौजूदा पुनíवचार याचिका 22 जून, 2021 के अंतिम आदेश के खिलाफ दायर की गई है। हमने याचिका के साथ-साथ इसके समर्थन में दिए गए आधारों का भी अध्ययन किया। हमारी राय है कि पुनíवचार का कोई मामला ही नहीं बनता है।शीर्ष अदालत ने 22 जून को 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउंसिल फार इंडियन स्कूल सíटफेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) द्वारा अपनाई गई आकलन योजना में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया था।
कोरोना महामारी के कारण दोनों बोर्डो की 12वीं कक्षा की परीक्षा रद कर दी गई है।अदालत ने प्राइवेट, पत्राचार और सेकेंड कंपार्टमेंट के छात्रों की आफलाइन परीक्षा लेने की सीबीएसई की योजना को मंजूरी दी थी, क्योंकि उनका मूल्यांकन 10वीं, 11वीं और 12वीं में उनके परिणामों के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर नहीं किया जा सकता है।
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