राज्य सरकार ने इन 25 नेताओं की सुरक्षा कम की, देखें नाम

बड़ा फैसला

Update: 2022-10-29 00:53 GMT

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने महाविकास आघाड़ी के 25 नेताओं की सुरक्षा हटा दी है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि इन नेताओं के आवास पर और यात्रा करते समय अब पुलिस की स्थायी सुरक्षा व्यवस्था नहीं होगी। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके परिवार की सुरक्षा व्यवस्था बरकरार रहेगी। राकांपा नेता शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले समेत उनके परिवार की सुरक्षा व्यवस्था भी बनी रहेगी। लेकिन, जयंत पाटिल, छगन भुजबल और अनिल देशमुख (फिलहाल जेल में बंद) सहित राकांपा के कई नेताओं की सुरक्षा हटा दी गई है। पाटिल, भुजबल और देशमुख अतीत में मंत्री रह चुके हैं।

विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार और एमवीए सरकार में गृह मंत्री रहे दिलीप वलसे पाटिल को वाई प्लस सुरक्षा दी जाएगी। जिन अन्य नेताओं की सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें नवाब मलिक, नाना पटोले, बालासाहेब थोराट, संजय राउत और अनिल परब आदि शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों-अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी।

अधिकारी ने दावा किया है कि नेताओं के सुरक्षा कवर को लेकर सभी फैसले पेशेवर रूप से खतरे की धारणा को देखते हुए लिए गए हैं। इस कदम का नेताओं के राजनीतिक जुड़ाव से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, दो निर्दलीय विधायक बच्चू कड़ू और रवि राणा का आपसी टकराव मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुसीबत बनता जा रहा है। दोनों के बीच चल रहे आरोपों-प्रत्यारोपों ने विपक्षी दलों को भी हमले का मौका दे दिया है। जून में शिवसेना में हुई बगावत के समय एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी जाने वालों में उद्धव सरकार के एक राज्यमंत्री बच्चू कड़ू भी शामिल थे। वह अमरावती जिले की अचलापुर विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनकर आते हैं। अमरावती की ही वडनेरा सीट से चुनकर आने वाले एक और निर्दलीय विधायक रवि राणा भाजपा समर्थक हैं। उनकी पत्नी नवनीत राणा अमरावती से ही सांसद भी हैं।


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