बेटे ने ले रखा है लोन, फाइनेंस कंपनी से कॉल आने पर पिता ने रची लूट की कहानी
गिरफ्तार
यूपी UP News। गाजियाबाद में एक चौंकाने वाली लूट की घटना का खुलासा हुआ है, जो अंत में पूरी तरह से फर्जी निकली. साहिबाबाद थाना क्षेत्र के लाजपत नगर में रहने वाले विनोद राय ने पुलिस को बताया कि उनके घर में एक महिला और एक पुरुष मदद के बहाने घुस आए थे. विनोद ने कहा कि उन दोनों ने मुझे पहले बेहोश किया, फिर महिला के कपड़े पहना दिए और फिर 20 हजार रुपये कैश लूटकर फरार हो गए. Ghaziabad
विनोद राय ने पुलिस को बताया कि बदमाशों ने उसे बंधक बनाया और लूट के बाद महिलाओं के कपड़े पहना दिए थे. होश में आने पर शोर किया तो पड़ोसी मौके पर आ गए. पड़ोसी जब घर आए तो उस समय हाथ-पैर बंधे हुए थे. इसके बाद विनोद ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर किया और अपने साथ हुई लूट की घटना की बात लिखी. फोटो में विनोद महिलाओं के कपड़े पहने हुए था.
जैसे ही यह मामला पुलिस के पास पहुंचा तो जांच शुरू की गई. प्रारंभिक जांच में ही कई अनसुलझे सवाल सामने आए. पुलिस को संदेह हुआ कि यह मामला लूट का नहीं हो सकता, क्योंकि घटना के कई पहलू मेल नहीं खा रहे थे. पुलिस का कहना है कि पीड़ित द्वारा दर्ज कराई गई लूट की यह कहानी पूरी तरह से फर्जी थी. विनोद राय ने खुद अपने साथ यह ड्रामा रचा था. इसके पीछे की वजह यह थी कि उसके बेटे ने एक फाइनेंस कंपनी से ₹60,000 का लोन लिया था, जिसे वह चुका नहीं पा रहा था. फाइनेंस कंपनी द्वारा लगातार वसूली के लिए फोन किए जा रहे थे और यहां तक कि जेल भेजने की धमकियां भी दी जा रही थीं.
विनोद राय ने फाइनेंस कंपनी के दबाव से बचने के लिए खुद लूट की फर्जी कहानी रच डाली. उसने पहले खुद महिलाओं के कपड़े पहने और श्रृंगार किया, फिर अपने हाथ-पैर बांधकर शोर मचाया, ताकि पड़ोसियों को बुलाया जा सके और लूट की घटना सच्ची लगे. उसका मकसद था कि लूट का बहाना बनाकर वह फाइनेंस कंपनी को दिखा सके कि वह फिलहाल लोन नहीं चुका सकता. जांच के बाद पुलिस ने विनोद राय को हिरासत में ले लिया और मामले की पूरी सच्चाई सामने आ गई. साहिबाबाद के एसीपी रजनीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि राय का बेटा लोन नहीं चुका पा रहा था और उसे जेल जाने का डर था. इसके चलते विनोद राय ने यह साजिश रची. पुलिस ने विनोद राय के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और आगे की पूछताछ जारी है.