लंगर भवन के द्वार का स्लैब गिरा, बचे भक्त

Update: 2024-10-18 12:02 GMT
Volcano. ज्वालामुखी। विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर के लंगर भवन के प्रवेश द्वार पर बना पत्थर का स्लैब अचानक बड़ी जोरदार आवाज के साथ फर्श पर आ गिरा, जिससे श्रद्धालु बाल-बाल बच गए। यदि लंगर शुरू हो गया होता तो किसी प्रकार की भी अनहोनी हो सकती थी, परंतु माता रानी ज्वालामुखी के आशीर्वाद से बहुत बड़ा खतरा टला है, जब लंगर भवन के द्वार पर बना पत्थर का बहुत बड़ा टनो ं के हिसाब से वजन का स्लैब मारबल पर गिरा, मंदिर के कर्मचारियों ने तुरंत सुरक्षा अधिकारी रवि दत्त भारद्वाज की देखरेख में स्लैब के टुकड़ों को उठाया और किनारे पर लगाया तब जाकर रास्ता बहाल किया गया। इस मौके पर नगर परिषद ज्वालामुखी के अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि माता रानी के आशीर्वाद से बहुत बड़ा
खतरा टल गया है।


कुछ समय पहले यहां से यात्री गुजर रहे थे। लंगर भवन का गेट बंद होने की वजह से यहां पर कोई व्यक्ति खड़ा नहीं था, परंतु कई बार कुछ लोग यहां पर बैठे देखे जाते हैं। कई बार भीख मांगने वाले बच्चे भी यहां बैठे रहते हैं, परंतु माता रानी की वजह से किसी प्रकार की भी अप्रिय घटना का कोई समाचार नहीं है। उन्होंने विधायक संजय रतन, मंदिर न्यास ज्वालामुखी के अधिकारियों, कर्मचारियों और न्यास सदस्यों से आग्रह किया है कि मुख्य मंदिर के द्वार पौडिय़ों के पास जो गेट हैं, वह बहुत पुराना हो चुका है और अकसर उस गेट से मारबल के टुकड़े नीचे सडक़ पर जाकर गिरते हैं, उससे भी किसी प्रकार का जानमाल का नुकसान हो सकता है, इसलिए उसकी भी मरम्मत करवाई जाए, ताकि किसी प्रकार की भी अप्रिय घटना का सामना न करना पड़े। मंदिर के कनिष्ठ अभियंता सुरेश कुमार ने कहा कि लंगर भवन के ऊपर बना यह स्लैब काफी पुराना था और पानी की सीलन की वजह से ऐसा हुआ है। शीघ्र ही यहां पर बढिय़ा स्लैब बना दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि माता रानी की कृपा से किसी प्रकार की कोई अनहोनी नहीं हुई है।
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