पहली बार केरल में सत्ताधारी दल की वापसी, 4 दशक का इतिहास बदला विजयन ने

इस बार फिर केरल में लेफ्ट का लाल झंडा लहराता दिख रहा है।

Update: 2021-05-02 18:21 GMT

इस बार फिर केरल में लेफ्ट का लाल झंडा लहराता दिख रहा है। अब तक आए रुझानों में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन फिर से सत्ता में लौटते दिख रहे हैं। इसके साथ ही लेफ्ट ने चार दशक पुराना इतिहास बदल दिया है। राज्य में 1980 के बाद से अब तक कोई भी पार्टी या गठबंधन लगातार दूसरी बार जीतकर नहीं आया था। लेकिन अब ये कीर्तीमान सीएम पिनाराई विजयन के नाम दर्ज हो गया है।

दरअसल, 140 विधानसभा सीटों वाले राज्य में हुए चुनाव के नतीजों के लिए मतगणना जारी है। इसमें सत्तासीन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) रुझानों में बहुमत का आंकड़ा पार कर गई है। जबकि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) अभी काफी पीछे हैं। इस बीच उदुमबनचोला से कांग्रेस के उम्मीदवार ईएम अगस्ती ने हार को करीब देखते ही टीवी चैनल के सामने बड़ा ऐलान कर दिया।
उन्होंने कहा कि अगर वे हार गए तो अपना सिर मुंडवा लेंगे। अगस्ती के मुताबिक, उन्होंने इसकी शर्त लगाई थी। बता दें कि उनके सामने सीपीएम नेता एमएम मनी ने खड़े थे, जो कि एकतरफा जीत की ओर बढ़ रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले केरल में साल 1977 में किसी पार्टी/गठबंधन ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की थी, जब कांग्रेस की अगुवाई वाले फ्रंट (जिसमें तब सीपीआई भी शामिल थी) ने चुनाव जीता था। वहीं, 1980 के विधानसभा चुनाव से सत्ता बदलने का ट्रेंड शुरू हो गया।
इसके बाद एक बार लेफ्ट एक बार कांग्रेस गठबंधन केरल में सत्ता में आते थे। पिछले विधानसभा में चुनाव में भाजपा के खाते में एक सीट आ गई थी लेकिन इस बार केरल में खाता खुलता ही नहीं दिखाई दे रहा है। एलडीएफ 92 सीटों पर या तो आगे है या जीत चुकी है। वहीं यूडीएफ भी 45 सीटों पर आगे है।


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