एमसीडी स्थानीय समिति अध्यक्ष पद बीजेपी के पाले में जा सकता है, जानें क्या है समीकरण
नई दिल्ली (आईएएनएस)| एमसीडी में शुक्रवार को होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव से पहले दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार ने 10 पार्षदों को मनोनीत किया है। इन मनोनीत पार्षदों के पास मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार नहीं है। लेकिन ये पार्षद सभी वार्ड समिति और स्थायी समिति में वोट डाल सकते हैं। एलजी द्वारा एमसीडी में मनोनीत 10 पार्षदों को एल्डरमैन कहते हैं। और इन पार्षदों के पास अपने-अपने क्षेत्रों का अच्छा अनुभव होता है। इन मनोनीत पार्षदों से एमसीडी मेयर चुनाव में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि इन मनोनीत पार्षदों के पास मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के दौरान वोट डालने का अधिकार नहीं है। तो इस तरह मनोनीत पार्षद मेयर चुनाव को प्रभावित नहीं कर सकते। लेकिन 10 मनोनीत पार्षद बीजेपी के होने की वजह से वार्ड समिति में बीजेपी को जीत दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
माना जा रहा है कि वार्ड समिति में जीतने पर स्थानीय समिति अध्यक्ष का पद बीजेपी के हाथ में आना आसान हो जाएगा। स्थानीय समिति का अध्यक्ष चुने जाने के छह सदस्यों समेत कुछ 18 सदस्यों के मत जरूरी हैं।
वोटिंग पार्षद जो वोट कर सकते हैं वह 250 चुने हुए पार्षद हैं। सांसदो में 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद, मनोनीत लोगों में 14 विधायक जो दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष की सहमति पर बनाए गए हैं। और साथ ही उपराज्यपाल द्वारा 10 मनोनीत लोग (पार्षदों) हैं। कुल मिलाकर इस आंकड़े को देखा जाए तो 284 सदस्य होते हैं। दिल्ली एमसीडी में लेकिन अगर 10 मनोनीत पार्षद हटा दिए जाए तो 274 लोग ही फिलहाल मेयर चुनाव में वोटर होंगे।