सिर्फ फाइव स्टार-लग्जरी होटलों को निशाना बनाने वाला चोर, पकड़ाया, पुलिस टीम को मिला पुरस्कार
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गोरखपुर: यूपी की गोरखपुर पुलिस ने एक ऐसे चोर को गिरफ्तार किया है जो सिर्फ फाइव स्टार या लग्जरी होटलों में ही चोरी करता था. बताया जा रहा है कि ये चोर पिछले 24 साल में देश के करीब दो दर्जन बड़े होटलों में चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है. पिछले महीने ही उसने जिले के एक नामी होटल से लाखों के गहने और कैश को पार कर दिया था. उसे पकड़ने के लिए पहली बार गोरखपुर पुलिस ने 'OS-INT' तकनीक का सहारा लिया. आइए जानते हैं पूरी कहानी...
दरअसल, बीते दिनों गोरखपुर में स्थित होटल Courtyard By Marriott से लाखों रुपये के गहने और नगदी चोरी होने की सूचना पुलिस को मिली तो पुलिस के कान खड़े हो गए. इतने बड़े होटल में चोरी की घटना होने से कई तरह के सवाल खड़े होने लगे. ऐसे में पुलिस ने आनन-फानन चोर की तलाश शुरू की. सीसीटीवी खंगाले, हर आने-जाने वाले पर नजर गड़ाई. मुखबिरों को एक्टिव किया. हाइटेक तकनीक अपनाई, तब जाकर शातिर चोर गिरफ्त में आया. वो दोबारा गोरखपुर चोरी करने आया था. उसका नाम जयेश रावजी सेजपाल है. वो पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसे ही चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है.
गोरखपुर पुलिस को 16 नवंबर को एक तहरीर मिलती है, जिसके मुताबिक होटल Courtyard By Marriott में तिलक कार्यक्रम के दौरान एक बड़ी चोरी हो जाती है. चोरी हुए सामान की कीमत 10 लाख के करीब बताई जाती है, जिसमें हीरे, सोने के आभूषण और कुछ नगद होता है.
मामले में आलोक रुंगटा ने बताया कि उनके भतीजे का तिलक कार्यक्रम 16 नवंबर को था. इसके लिए उन्होंने गोरखपुर के सबसे बड़े पांच सितारा होटल को बुक किया था. इसी दौरान किसी ने घात लगाकर रिसेप्शन में फोन करके उनके कमरे की मास्टर Key मांग ली और फिर कमरे को खोलकर वहां रखा कीमती सामान लेकर फरार हो गया. जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई.
गोरखपुर पुलिस ने जब इस केस पर काम करना शुरू किया तो पता चला कि चोर गोरखपुर का नहीं है. वहीं, होटल के सीसीटीवी कैमरे में उसकी इमेज कैप्चर हो गई थी. साथ ही उसके पहनावे से भी वह चोर नहीं दिखता था.
पकड़े गए आरोपी ने बताया कि चोरी के लिए वह सिर्फ फाइव स्टार और लग्जरी होटलों को चुनता था. क्योंकि, वहां चोरी करने पर मोटा माल मिलता था. इसके लिए वो सबसे पहले होटल में घुसता फिर शादी/फ़ंक्शन में उस घर के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य पर नजर बनाए रखता. उसको फॉलो करता रहता. वो जहां जाते उनके आगे-पीछे चलता और घर वालों की सारे बातें सुनता. कई बार तो परिजनों से घुल-मिल जाता और उनका भरोसा जीत लेता. इससे उसे समझ में आ जाता था कि उसे करना क्या है, साथ ही कौन सा कीमती सामान कहां रखा है.
इसके बाद चोर घर वालों के बाहर जाने या इधर-उधर होने पर किसी तरह उनके रूम में घुसने का प्रयास करता. दिक्कत होने पर रिसेप्शन पर होटल के किसी लैंडलाइन से फोन करके रूम की मास्टर Key मंगा लेता और फिर कमरे में घुसकर जेवर-नगदी पर अपना हाथ साफ कर देता.
घटना का ख़ुलासा करते हुए SSP डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि उन्होंने इस केस को क्रैक करने के लिए पहली बार OS INT तकनीक का इस्तेमाल किया है. इसका फुल फॉर्म होता है Open Source Intelligence तकनीक. ये एक प्रकार का हमारा digital मुखबिर है. इंटरनेट पर मौजूद डेटा को कलेक्ट कर उनका अध्ययन कर हम ऐसे केसों को सॉल्व करते हैं.
ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) तकनीक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं को इकट्ठा करने, उनका विश्लेषण करने और उनसे जानकारी हासिल करने का एक तरीका है. इस केस में पुलिस ने इंटरनेट का सहारा लेते हुए इसी पैटर्न पर हुई चोरी की घटना को खंगालना शुरू किया तो पता चला कि ऐसे ही सेम चोरी हरियाणा के करनाल में भी हुई थी. ऐसे में उस चोरी के केस को और गोरखपुर में हुई चोरी के सीसीटीवी फुटेज को मिलाया गया तो खुलासा हुआ कि दोनों कांड को अंजाम देने वाला चोर सेम है. जिसके बाद पुलिस ने उसको ट्रेस करना शुरू किया.
जल्द ही चोर गोरखपुर पुलिस की गिरफ्त में आ गया. उसका नाम जयेश रावजी सेजपाल है. वह गुजरात में पैदा हुआ था, फिलहाल पिछले कुछ समय से मुंबई में रह रहा है. वह दोबारा चोरी करने के लिए गोरखपुर आया था जहां पुलिस ने उसे दबोच लिया.
इस मामले का ख़ुलासा करते हुए गोरखपुर पुलिस के SSP डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि पिछले महीने शहर के एक बड़े होटल में हुए लाखों की चोरी का पर्दाफ़ाश हमने कर लिया है. OS INT तकनीक का इस्तेमाल करके इस केस को क्रैक किया गया है. लगभग 60-70% चोरी के सामान की रिकवरी हो गई है. आरोपी को गिरफ़्तार कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है.