अरे ये क्या! शख्स को दिनभर कोर्ट में बैठे रहने की सजा मिली, जानें पूरा मामला
एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक शख्स को दिनभर कोर्ट में बैठे रहने की सजा दी। कोर्ट ने शख्स को अदालत की आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराते हुए उसे सजा के तौर पर पूरे दिन कोर्ट में बैठे रहने का आदेश दिया। पीठ ने अवमाननाकर्ता प्रदीप अग्रवाल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अग्रवाल को कथित अवैध निर्माण के मालिक से पैसे मांगने के आरोप में अदालत ने दोषी ठहराया था।
प्रदीप ने निर्माण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और याचिका वापस लेने के लिए पैसे मांगे थे। जांच के दौरान पता चला कि वह संपत्ति की कीमत भी कम करने की कोशिश कर रहा था क्योंकि वह इसे खरीदना चाहता था। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और अमित शर्मा की पीठ ने कहा कि शर्मा के व्यवहार से कोर्ट की प्रक्रिया के प्रति घोर उपेक्षा और दुरुपयोग का पता चलता है जिसे माफ नहीं किया जा सकता।
अपने आदेश में कोर्ट ने कहा, 'अवमानना कानून ऐसे कामकाज जिनसे अदालत का घोर अनादर या उसके काम में बाधा डाली जाती हो, उससे कोर्ट के अधिकार और गरिमा की रक्षा करता है। अवमानना करने वाले द्वारा निजी लाभ के लिए रिट याचिका दायर करना साफतौर से न्यायिक प्रणाली का अपने निजी लाभ के लिए फायदा उठाने की कोशिश है। इस तरह के कृत्य न केवल कोर्ट के अधिकार को चुनौती देते हैं, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता में जनता के विश्वास को भी कमजोर करते हैं।'
अवमानना करने वाले को सजा देने के मामले में बेंच ने नरम रुख अपनाया क्योंकि शर्मा ने माफी मांगी और गलती पर पछतावा जाहिर किया। कोर्ट ने आदेश दिया कि अवमाननाकर्ता को आज कोर्ट का कामकाज खत्म होने तक अदालत में बैठे रहने की सजा दी जाती है। इसके अलावा अवमाननाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट लीगर सर्विल कमेटी में एक लाख रुपए जमा कराने होंगे। इस मामले में एडवोकेट राजेश महाजन न्यायमित्र के तौर पर पेश हुए।