रेल के नाम पर भ्रमित की गई हमीरपुर की जनता

Update: 2024-05-22 09:28 GMT
हमीरपुर/ऊना। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से चार बार सांसद रहे अनुराग ठाकुर बताएं कि ऊना-हमीरपुर ट्रेन कहां पहुंची? अनुराग ठाकुर ने रेल के नाम पर हमीरपुर की जनता से वोट ही बटोरे हैं, यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल सिंह रायजादा के पक्ष में हमीरपुर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाओं के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर लंबे समय से ऊना-हमीरपुर रेललाइन के नाम पर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। ट्रेन के लिए अनुराग ठाकुर कोई कदम नहीं उठा सके हैं। अपनी नाकामी छिपाने के लिए अनुराग ठाकुर कहते फिर रहे हैं कि प्रदेश सरकार ने रुपए नहीं दिए, लेकिन वह यह भूल गए कि कांग्रेस सरकार को बने महज 15 माह ही हुए हैं। उससे पहले वह केंद्र की मोदी और प्रदेश की जयराम सरकार को डबल इंजन की सरकार कहते फिरते थे। अनुराग यह डबल इंजन दौड़ा नहीं पाए और खुद भी हांफ गए हैं।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मेडिकल कालेज कांग्रेस सरकार की देन है, लेकिन अनुराग ठाकुर इसका भी श्रेय लेने में लगे हुए हैं। यदि यह अनुराग लाए होते, तो उस कालेज का नाम डा. राधाकृष्णन मेडिकल कालेज नहीं रखा जाता। उन्होंने कहा कि जनता को अनुराग ठाकुर का चार बार का सांसद रहने का रिपोर्ट कार्ड मांगना चाहिए। दूसरों के कार्यों को अपना बताकर जीत हासिल नहीं होती। मुख्यमंत्री ने कहा कि सतपाल रायजादा उनका छोटा भाई है और उन्होंने ही रायजादा को चुनावी मैदान में उतारा है। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर रायजादा को विजयी बनाएं।
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा ने कहा कि जनता उन्हें आशीर्वाद दे, तो वह ऊना से हमीरपुर ट्रेन पहुंचाएंगे। इस मुद्दे को गंभीरता से उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर हमेशा ऊना-हमीरपुर ट्रेन को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताते है, लेकिन एक इंच भी रेललाइन ऊना से हमीरपुर की ओर नहीं बिछ पाई है। केंद्र सरकार ने इसके लिए महज 1000 रुपए दिए। अनुराग अपनी ही केंद्र सरकार में इसके लिए नहीं बोल पाए। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि सांसद अनुराग ठाकुर ने कभी संसदीय क्षेत्र की बात दिल्ली में नहीं की। संसदीय क्षेत्र तो छोड़ो, वह अपने गृह जिला हमीरपुर तक के लिए कुछ नहीं कर पाए। न वहां के लिए ट्रेन चला पाए और न ही रेललाइन बिछा पाए। दूसरों की उपलब्धियों को अपना बताने में लगे हुए हैं। सलोह की ट्रिपल आईटी को अनुराग अपना बताकर झूठ का ढिंढोरा पीट रहे हैं, लेकिन इसमें उनका कोई योगदान नहीं है, बल्कि वह तो इसके खिलाफ थे। इस बार झूठ के सहारे अनुराग की नैया पार नहीं लग पाएगी।
Tags:    

Similar News