डीजीपी नियुक्त का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, सीनियर आईपीएस पर लगाए गए ये आरोप

तत्कालीन सरकार ने दिए थे जांच के आदेश.

Update: 2021-08-06 02:51 GMT

सीनियर आईपीएस मुकुल गोयल को डीजीपी नियुक्त करने का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है. हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देकर आईपीएस मुकुल गोयल को डीजीपी नियुक्त करने की वैधानिकता को चुनौती दी गई है. इस जनहित याचिका में कहा गया है कि मुकुल गोयल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह याचिका अविनाश प्रकाश पाठक की ओर से दाखिल की गई है. इसमें कहा गया है कि मुकुल गोयल पर 2005 में यूपी पुलिस भर्ती में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. इस मामले में उनके खिलाफ लखनऊ के महानगर थाने में केस भी दर्ज हुआ था.
तत्कालीन सरकार ने दिए थे जांच के आदेश
याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस मामले में 2007 में तत्कालीन राज्य सरकार ने जांच के आदेश भी दिए थे. तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह ने केस की जांच एंटी करप्शन डिपार्टमेंट को सौंपी थी. इस केस में 23 फरवरी 2018 को गृह मंत्रालय में आईपीएस सेक्शन सचिव मुकेश साहनी ने भ्रष्टाचार की जांच के लिए यूपी के तत्कालीन प्रमुख सचिव गृह को पत्र भी लिखा था.
मुकेश साहनी ने पत्र में लिखा था कि इस मामले में भ्रष्टाचार की जांच कर शिकायतकर्ता को जानकारी दी जाए. साथ ही गृह मंत्रालय को भी इसकी सूचना दी जाए. लेकिन तमाम पत्रों के बावजूद यूपी के प्रमुख सचिव गृह द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त रहे मुकुल गोयल को डीजीपी पद पर नियुक्त करना अवैधानिक है. 
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