नई दिल्ली: लापरवाही भरे सिस्टम ने दिल्ली में एक और बलि ले ली है। दिल्ली के बिंदापुर में करंट लगने से 12 साल के एक बच्चे की मौत हो गई है। नंगे तार को दीवार के सहारे बांधकर छोड़कर दिया गया था जिसकी चपेट में मासूम उस वक्त आ गया जब वह ट्यूशन पढ़कर घर लौट रहा था। हाल ही में इसी तरह की लापरवाही ने पटेल नगर में यूपीएससी स्टूडेंट की जिंदगी छीन ली थी।
बिंदापुर डीडीए फ्लैट में रहने वाले रमन कुमार का बेटा मुदित (12) ट्यूशन पढ़ने गया था। ट्यूशन से लौटते समय घर के पास ही उसे करंट लग गया। पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिक तारें बाहर निकली हुईं थीं। इन तारों को एक फ्लैट की दीवार से बांध दिया गया था। मुदित इनकी चपेट में आ गया। परिवार के लोग उसे लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन डॉक्टरों ने वहां उसे मृत घोषित कर दिया।
बच्चे की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। डीडीए फ्लैट के निवासियों ने लापरवाही को लेकर आक्रोश जाहिर किया और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की। इससे पहले राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में जलभराव की वजह से तीन यूपीएससी स्टूडेंट्स की मौत लेकर भी दिल्ली सरकार और नगर निगम पर लापरवाही के आरोप लगे। वहीं, पटेल नगर में भी करंट से एक छात्र की मौत हो गई थी। लोहे के गेट में करंट उतर गया था जिसकी चपेट में आ जाने से जान चली गई।