किसी देश के अंदरूनी विषयों पर अन्य देशों की संसद में न हो चर्चा : लोकसभा स्पीकर ओम बिरला

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सोमवार को कहा कि हर देश की अपनी संप्रभुता है। इसके मद्देनजर आवश्यक है कि किसी देश के अंदरूनी विषयों या उसकी संसद में बने कानूनों पर अन्य देशों की संसदों में चर्चा नहीं होनी चाहिए।

Update: 2021-03-15 17:42 GMT

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सोमवार को कहा कि हर देश की अपनी संप्रभुता है। इसके मद्देनजर आवश्यक है कि किसी देश के अंदरूनी विषयों या उसकी संसद में बने कानूनों पर अन्य देशों की संसदों में चर्चा नहीं होनी चाहिए। साफ है कि उनका इशारा ब्रिटेन की संसद में कृषि कानून विरोधी आंदोलन पर चर्चा की तरफ था।

अंतर संसदीय संघ (IPU) के अध्यक्ष दुआरते पचेको ने सोमवार को संसद भवन में बिरला से मुलाकात की। इस दौरान चर्चा में बिरला ने कहा कि भारत और अंतर संसदीय संघ दोनों का ही लोकतंत्र को सशक्त बनाने का समान वैश्विक दृष्टिकोण है।

उन्होंने यह भी कहा कि हमारा सामूहिक दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शासन का लोकतंत्रीकरण करना है। बिरला ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के पुनर्गठन और परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने के लिए पुर्तगाल सरकार की सराहना की।
विश्व की फार्मेसी के रूप में उभरा भारत: ओम बिरलाकोविड-19 की चुनौतियों के बारे में लोकसभा स्पीकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने सदैव एक जिम्मेदार अंतरराष्ट्रीय भागीदार की भूमिका निभाई है। भारत ने 154 से अधिक देशों को कोविड-19 संबंधी उपचार सामग्री की आपूर्ति की और कई देशों में रैपिड रिस्पांस टीमें तैनात की हैं। भारत, कोविड टीकों के निर्माण में अपनी क्षमता के लिए विश्व की फार्मेसी के रूप में उभरा है।
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