हॉस्पिटल की व्यवस्था सुधारने सरकार को मिली हाईकोर्ट से फटकार

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Update: 2024-07-24 01:50 GMT

रांची ranchi news । झारखंड हाईकोर्ट Jharkhand High Court ने रांची स्थित राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल RIMS (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध न कराने पर मंगलवार को राज्य सरकार की खिंचाई करते हुए फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यदि सरकार रिम्स में जरूरी सुविधाएं और उपकरण उपलब्ध नहीं करा सकती है, तो उसे इसे बंद कर देना चाहिए। एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने निजी अस्पतालों को लेकर भी कड़ी टिप्पणी की।

Government Hospital खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि सरकार बार-बार अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल रही है। अदालत ने कहा, 'सरकार द्वारा दायर हलफनामों और अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावों से ऐसा लगता है कि हम किसी विदेशी देश में हैं, हालांकि, वास्तविकता कुछ और ही है।' हाईकोर्ट ने कहा, 'रिम्स में सुविधाओं की कमी के कारण मरीज निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में जाने को मजबूर हैं। जबकि इनमें से अधिकांश चिकित्सा केंद्रों के पास क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत आवश्यक उचित लाइसेंस नहीं हैं।' निजी अस्पतालों पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा, 'निजी अस्पताल मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल करने के बजाय धन की देखभाल करने में लिप्त हैं।'

अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह एक ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे और बताए कि बिना उचित लाइसेंस के चल रहे अस्पतालों और नर्सिंग होम के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। इस मामले की सुनवाई 15 दिन बाद फिर होगी।

जस्टिस रोंगोन मुखोपाध्याय और जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ज्योति शर्मा द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रिम्स में बुनियादी ढांचे और सुविधाओं की कमी का आरोप लगाया गया था। रिम्स झारखंड सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्थान है।

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