राज्यपाल ने यौगिक खेती और सोलर पाॅवर थर्मल प्लांट से लेकर भोजनालय तक की प्रक्रिया को जाना
आबूरोड। दो दिवसीय दौरे पर आबू रोड पहुंचे गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया. साथ ही संस्थान के सभी परिसरों का भ्रमण कर व्यवस्थाओं को जाना-समझा. दादी से मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने उनसे कुशलक्षेम पूछी.
उन्होंने कहा कि मुझे वर्षों पहले यहां आने का निमंत्रण मिला, लेकिन आज आना संभव हुआ. यहां भाई-बहनों से मिलकर बेहद प्रसन्नता हुई. दादी ने राज्यपाल को राखी बांधकर और शॉल पहनाकर सम्मान किया. साथ ही परमात्मा का स्मृति चिहृ प्रदान किया. इसके बाद राज्यपाल सोलर थर्मल पाॅवर प्लांट देखने पहुंचे, जहां इसके बनने से लेकर बिजली उत्पादन की प्रक्रिया को गहराई से समझा. राज्यपाल आचार्य ने कहा कि आज हमें सौर ऊर्जा के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. ब्रह्माकुमारीज़ के देशी तकनीक से निर्मित सोलार पावर थर्मल प्लांट से लोगों को सीख लेना चाहिए कि कैसे हम अपनी जरूरत की बिजली का स्वयं उत्पादन कर सकते हैं. ऐसे संयंत्रों के माॅडल को देश के सामने पेश कर लोगों को सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रेरित किया जा सकता है. इसके बाद ब्रह्माकुमारीज़ के आधुनिक सुविधाओं से लैस भोजनालय में पहुंचे जहां भोजन बनने की प्रक्रिया को जाना. यहां पर दो घंटे में 40 हजार लोगों का भोजन तैयार किया जा सकता है.
इसके बाद राज्यपाल काफिले के साथ तपोवन परिसर पहुंचे, जहां यौगिक खेती के माॅडल को समझा. साथ ही तपोवन में दुबई के खजूर से लेकर अंगूर, ड्रेगन फ्रूट आदि के बारे में जाना. बात दें कि यौगिक खेती पद्धति का विकास सबसे पहले तपोवन में प्रयोग करके ही किया गया था. यहां से प्रशिक्षण लेकर आज देशभर में हजारों किसान यौगिक-जैविक खेती कर रहे हैं. यौगिक खेती पद्धति के बारे में जानकर राज्यपाल आचार्य ने कहा कि यदि हमें रासायनिक उत्पादों के प्रभाव से बचना है तो किसानों को कुछ जमीन पर यौगिक खेती करना चाहिए. जैविक-यौगिक खेती वर्तमान की जरूरत है.