बच्ची को बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया, फंसी थी 300 फ़ीट गहरे बोरवेल में
एम्बुलेंस में अस्पताल रवाना हुए
सीहोर। मध्यप्रदेश के सीहोर में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी ढाई साल की बच्ची को बचाने के लिए लगातार तीसरे दिन रेस्क्यू जारी है. बच्ची को बचाने के लिए गुरुवार सुबह रोबोटिक एक्सपर्ट की टीम भी रेस्क्यू अभियान से जुड़ गई है. बच्ची को पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है. बताया जा रहा है कि बच्ची को निकालने का काम और अधिक कठिन हो गया है क्योंकि वह और नीचे फिसल गई है. बच्ची करीब 100 फीट की गहराई में फंसी हुई है. बच्ची को बचाने के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें जुटी हैं.
रेस्क्यू वाली जगह में अचानक आंधी के साथ ही तेज हवा चलने लगी है. हल्की बारिश भी हो रही है. इन सबके कारण रेस्क्यू में रुकावट पैदा हो रही है. हालांकि, रोबेटिक टीम रोबोट की मदद से बच्ची को निकालने की कोशिश कर रही है. पथरीली जगह, पानी का रिसाव और गीली मिट्टी होने के कारण रेस्क्यू में परेशानी आ रही है.
दरअसल, सीहोर के मुंगावली में मंगलवार को ढाई साल की सृष्टि खेलते समय खेत में बने बोरवेल में बच्ची सृष्टि गिर गई थी. तब वह 20 फीट की गहराई पर फंसी थी. लेकिन वह अब खिसकते खिसकते 100 फीट की गहराई तक पहुंच गई है. सेना के जवानों ने बुधवार को बोरवेल में रॉड डालकर बच्ची को निकालने की कोशिश की. इससे बच्ची को 10 फिट तक निकाल लिया गया था, लेकिन अचानक बच्ची के कपड़े फट जाने से वह फिर नीचे चली गई.
जानकारी के मुताबिक, जिस इलाके में बच्ची बोरबेल में गिरी है, वह पथरीला इलाका माना जाता है. जिसके कारण रेस्क्यू टीम को बच्ची तक पहुंचने में समय लग रहा है. मौके पर एसडीआरएफ, NDRF सेना के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है. दिल्ली से इमरजेंसी बोरवेल रेस्क्यू के लिए रोबोटिक टीम टीम भी मौके पर पहुंच गई है, बोरवेल में फंसी सृष्टि का अब रोबोट से रेक्स्यू करने की कोशिश शुरू होगी. इसके साथ ही बोरवेल के समानांतर खुदाई भी की जा रही है. जिससे बच्ची के पास पहुंचा जा सके. बच्ची के सकुशल बाहर आने की प्रार्थनाओं का दौर जारी है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि बच्ची पहले बोरवेल में करीब 20 फीट की गहराई में फंसी थी, लेकिन बचाव कार्य में लगी मशीनों के कंपन के कारण वह और नीचे खिसक कर करीब 100 फीट नीचे पहुंच गई है, जिससे काम और मुश्किल हो गया है. शिवराज सिंह और अधिकारियों की टीम बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं. वे जिले के अधिकारियों के साथ भी संपर्क में हैं.