नेपाल से भटककर भारत आई बच्ची, 6 साल बाद अधिकारियों के समक्ष परिवार को सौंपा
नेपाल से भटकी बालिका को छह वर्षों बाद बुधवार को मधुबनी बाल कल्याण समिति ने नेपाल के अधिकारियों के समक्ष उनके पिता को सौंप दिया।
नेपाल से भटकी बालिका को छह वर्षों बाद बुधवार को मधुबनी बाल कल्याण समिति ने नेपाल के अधिकारियों के समक्ष उनके पिता को सौंप दिया। नेपाल के सुनसरी जिले के दुहवी गांव की बालिका माही छह साल पहले भटककर भारत आ गयी थी। किशनगंज के बॉर्डर इलाके में चाइल्ड लाइन को बालिका भटकती मिली थी। बाल कल्याण समिति किशनगंज ने बालिका को सहरसा के बालिका गृह में रखा था। सहरसा बालिका गृह बन्द होने के दौरान 2017 में बालिका को मधुबनी के बालिका गृह में भेज दिया गया था। शुरू में बालिका अपना नाम पता बताने में असमर्थ थी। कई साल तक इलाज के बाद बालिका की कुछ याददाश्त लौटी।
मधुबनी बाल कल्याण समिति ने नेपाल की संस्था छोड़ा छोड़ी और नेपाल यूनाइटस से संपर्क किया। नेपाल की संस्था के प्रयास से बालिका के परिवार को खोजा गया। छह साल बाद अपनी लाडली को पाकर पिता काफी खुश थे। बालिका के पिता शनिचर ऋषिदेव की मानें तो बच्ची भटक गयी थी। उसे काफी खोजा गया। नेपाल भारत के बॉर्डर इलाके में काफी खोजबीन की गयी लेकिन नहीं मिली। परिवार वाले बच्ची के किसी अनहोनी की शिकार होने की संभावना समझकर खोजना छोड़ चुके थे।
नेपाल यूनाइटिस की संयोजिका मोनिका पोखरेंग ने बताया मधुबनी से एक बालिका के बारे में सूचना मिली, काफी प्रयास के बाद बालिका के परिवार को खोजा गया। नेपाल की टीम बालिका के पिता के साथ बुधवार को बाल कल्याण समिति मधुबनी कार्यालय पहुंची। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी मधुबनी के अध्यक्ष बिन्दु भूषण ठाकुर ने बताया कि परिजन बच्ची को लेकर नेपाल वापस लौट गये।