काशी में धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा का पर्व, शिष्यों ने लिया अपने गुरुओं का आशीर्वाद
वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन मठ, मंदिर और आश्रमों में देखने को मिला। तड़के सुबह से ही अपने गुरु के दर्शन के लिए शिष्यों का जनसैलाब उमड़ा रहा। वाराणसी के काशी अनुष्ठान सेवा समिति निराला नगर में बड़ी संख्या में शिष्य अपने गुरु पंडित धीरज उपाध्याय का दर्शन किया। गुरु ने अपने शिष्यों को आशीर्वाद दिया और जीवन में सभी शिष्यों के उज्ज्वल भविष्य की कमाना की। काशी में गुरुपूर्णिमा के पावन दिवस पर शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में सुबह से ही गुरु चरणों में अपनी श्रद्धा निवेदित करने हेतु भक्तों का तांता लगा रहा। काशी सहित आस पास के जिले व प्रदेशों के भक्तों ने भी श्रीविद्यामठ पहुंच कर गुरुचरणों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। गुरुपूर्णिमा महोत्सव में शामिल वक्ताओं व भक्तों ने एक स्वर में कहा कि गुरु कृपा के बिना चौरासी लाख योनियों में भटक रहे जीवों का कल्याण सम्भव नहीं।
भगवान शिव समान प्रतापी व्यक्ति भी गुरुकृपा के बिना इस भवसागर को पार नहीं कर सकता। गुरु अपने शिष्यों के अंदर के अज्ञान रूपी प्रकाश का हरण कर उसके स्थान पर ज्ञान रूपी प्रकाश को भर देते हैं। गुरू पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन महर्षि महेश योगी आश्रम, शकरकंद गली, वाराणसी में आध्यात्मिक ज्ञान, दर्शन -शास्त्र, वेद अनुसंधान केन्द्र में गुरु पूर्णिमा समारोह महर्षि आचार्यों, बटकों एवं वेद भक्तों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नरसिंह दास बाबा सभासद दशाश्वमेध वार्ड, आचार्य वागीश दत्त मिश्र केन्द्रीय देव दीपावली के अध्यक्ष रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। सर्वप्रथम पूज्यनीय गुरुदेव स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया एवं सभी आचार्यों, बटुको एवं महर्षि परिवार के सदस्यों, महर्षि के अनुयायियों द्वारा गुरु परंपरा पूजन सीमांत केसरी स्वामी के मार्ग दर्शन में किया गया, तत्पश्चात महर्षि प्रणीत भावातीत ध्यान का सामूहिक अभ्यास ध्यान शिक्षक वीरेंद्र श्रीवास्तव ने कराया।