मंदिर दर्शन के लिए गया था परिवार, होटल में शख्स ने पत्नी और साले की हत्या की

पुलिस स्टेशन गया और आत्मसमर्पण कर दिया।

Update: 2023-10-06 07:23 GMT
तिरूपति: मंदिरों के शहर तिरूपति के एक निजी होटल में शुक्रवार को एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और साले की हत्या कर दी। महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर का परिवार प्रसिद्ध तिरुमाला मंदिर में दर्शन के लिए आया था और कपिलतीर्थम क्षेत्र के एक होटल में रुका था। पुलिस के मुताबिक, युवराज ने रात करीब 2 बजे अपनी पत्नी मनीषा और जीजा हर्षवर्धन को चाकू मार दिया, बहन भाई की मौके पर ही मौत हो गई।
युवराज अपने दोनों बच्चों के साथ बाद में अलीपिरी पुलिस स्टेशन गया और आत्मसमर्पण कर दिया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने युवराज को हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस को संदेह है कि पारिवारिक विवाद के कारण यह दोहरा हत्याकांड हुआ।

मां और उसका प्रेमी दोषी करार

ब्रिटिश नागरिक रमनदीप कौर मान और उसके प्रेमी गुरप्रीत सिंह उर्फ मिठठू को यूपी के शाहजहांपुर में एनआरआई सुखजीत सिंह हत्‍याकांड में दोषी करार दिया गया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने दोनों को आईपीसी की धारा 302 और 34 के तहत दोषी ठहराया है। अदालत सात अक्टूबर को सजा तय करेगी। अभियोजन पक्ष दोनों प्रतिवादियों के लिए मौत की सजा की मांग कर रहा है। दोनों को दोषी ठहराए जाने में 9 साल के बेटे की गवाही ने अहम भूमिका निभाई जो कि इस मामले में अकेला गवाह था। फैसला सुनाए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में दोनों को जेल भेज दिया गया।
पैंतीस वर्षीय एनआरआई सुखजीत सिंह की दो सितंबर, 2016 को उनकी यूके नागरिक पत्नी रमनदीप कौर मान ने अपने बचपन के दोस्त गुरप्रीत सिंह की मदद से हत्या कर दी थी। सुखजीत और रमनदीप की शादी 11 साल पुरानी थी। अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए, रमनदीप ने अपने पति और छह और नौ साल के दो बच्चों के साथ यूपी में एक महीने की पारिवारिक छुट्टी की योजना बनाई। रास्ते में उसने पंजाब के कपूरथला के मूल निवासी गुरप्रीत को उठाया और दोनों लोगों को शाहजहांपुर ले आई। यहां उसने अपने पति का गला काटने से पहले पूरे परिवार को जहर दे दिया। लेकिन उस रात रमनदीप के बड़े बेटै ने मैगी के लिए दाल-चावल छोड़ दिया था। वह बच गया और इस अपराध का अंतिम चश्‍मदीद गवाह बन गया। जिस समय एनआरआई सुखजीत सिंह की हत्या हुई थी। उस समय उसका बेटा जाग गया था। उसने पूरी घटना को देखा था। बेटे ने ही पुलिस और कोर्ट को घटना बताई। गुरुवार को कोर्ट ने बेटे की गवाही पर ही रमनदीप कौर और उसके प्रेमी को दोषी करार दिया।
तफ्तीश के दौरान बेटे ने पुलिस को बताया था कि उसकी आंखों के सामने ही उसके पिता को मार डाला गया। रमनदीप ने उसके पिता के चेहरे पर तकिया रखा और गुरप्रीत से उसका गला काटने के लिए कहा। यह वारदात शाहजहांपुर के बंडा थाना क्षेत्र के गांव बसंतापुर में हुई थी। सुखजीत सिंह की हत्या सोते समय की गई थी। सुखजीत का गला रेतने वाले गुरप्रीत उर्फ मिठठू ने पकड़े जाने पर कहा था कि मुझे इस गलती के लिए हमेशा आत्मग्लानि रहेगी। मेरी आंखों के सामने पर्दा पड़ गया था। मैं न कुछ जानना चाहता था। न कुछ समझना चाहता था। मुझे लगा था कि मैं यह सबकुछ करने के बाद बच जाऊंगा, लेकिन मैं गलत था।
दोषी करार देने के बाद पुलिस पहले मिठठू को जेल ले गई, फिर महिला पुलिस रमनदीप को ई-रिक्शा से ले गई। जेल में जाने के दौरान तब रमनदीप ने मुंह से कपड़ा नहीं खोला था। एनआरआई सुखजीत सिंह हत्याकांड में उसकी पत्नी रमनदीप और उसके प्रेमी को दोषी करार दिया गया। सुखजीत की मां वंश कौर बोली जब हमारे बेटे के हत्यारों को फांसी होगी। तभी मेरी आत्मा को शांति मिलेगी। यह कहते हुए वंश कौर रो पड़ीं। परिवार के लोगों ने उन्हें संभाला।
Tags:    

Similar News

-->