आर्थिक मंदी का असर, लैंड ब्रोकर 6 महीने से कर रहा था अवैध कारोबार, फिर जो हुआ...
कोरोना की वजह से आई अर्थिक मंदी से जूझ रहे लोग घर खर्च चलाने के लिए वैध या अवैध तरीके अपना रहे हैं. अवैध तरीका अपनाने का मामला गुजरात के सूरत से सामने आया है. यहां पेशे से लैंड ब्रोकर आर्थिक तंगी के कारण 6 महीने से कर रहा था अवैध कारोबार बनाकर बेचने लगा था. पुलिस ने उसे 6 महीने बाद गिरफ्तार कर लिया है.
सूरत की उमरा थाना पुलिस को जानकारी मिली थी कि एक शख़्स नक़ली शराब बनाकर लोगों को बेचता है. इसके बाद छापेमारी में पुलिस ने कल्पेश रामचंद्र सामरिया नामक एक शख़्स को गिरफ़्तार किया, जो पिछले छः महीने से नक़ली शराब बनाकर लोगों को बेच रहा था. पुलिस को इस कारोबार की भनक 6 महीने बाद लगी.
मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले कल्पेश रामचंद्र सामरिया ने कबूल किया है कि वो पिछले 5-6 महीने से नक़ली शराब बना रहा था. उसके ख़िलाफ़ उमरा पुलिस थाने में 420,406,465,471,473 एवं अन्य सांयोगिक धराओ के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपी की गिरफ़्तारी के बाद उससे पूछताछ की जा रही है.
घर खर्च चलाने के लिए नकली शराब का कारोबार
जब पुलिस ने नकली शराब बनाने की वजह पूछी तो कल्पेश सामरिया ने कहा कि वो कोरोना काल से पहले पहले लैंड ब्रोकर का काम करता था, उससे होने वाली आमदनी से उसका घर खर्च भी आसानी से चलता था, मगर कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की वजह से उसका काम चौपट हो गया था, वो आर्थिक मंदी का शिकार हो गया था.
कल्पेश को गिरफ़्तार करने वाले पुलिस इंस्पेक्टर केबी झाला ने बताया कि वो नक़ली शराब की बोतल को भी असली बोतल जैसी तैयार करता था जिससे किसी को शक ना हो. कल्पेश के पास शराब बनाने के लिए दो मशीन थी, वो पहले बिक चुकी ख़ाली बोतलों को कलेक्ट करता था, उसमे अल्कोहॉल, माल्ट, एसेंस और फ़ूड कलर मिक्स कर भर देता था.