बिहार। बीपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक मामले में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को एक अजीबोगरीब बयान दिया. चौधरी से जब पत्रकारों ने सवाल पूछा कि बीपीएससी की परीक्षा रद्द होने के कारण 6 लाख से भी ज्यादा परीक्षार्थियों को मानसिक प्रताड़ना से गुजारना पड़ रहा है तो इस पर उन्होंने उल्टा सवाल पूछा कि आखिर परीक्षार्थियों को किस बात की मानसिक प्रताड़ना हुई? विजय चौधरी ने दलील दी कि जब सरकार को पता चला कि प्रश्नपत्र लीक हो गया है और उसने परीक्षा रद्द कर दी तो इसमें परीक्षार्थियों को मानसिक प्रताड़ना कैसे हुई? चौधरी ने आगे कहा कि अगर सरकार पता चलता कि प्रश्नपत्र लीक हो गया है और उसके बावजूद भी परीक्षा ले ली जाती तो क्या इससे परीक्षार्थी खुश होते हैं?
उन्होंने कहा- 'क्या मानसिक प्रताड़ना हुई ? जो परीक्षा में प्रश्नपत्र लिया वायरल होने की बात आई और परीक्षा रद्द कर दी गई इससे मानसिक प्रताड़ना हो गई? परीक्षा का पेपर लीक होता और परीक्षा रद्द नहीं होती तो क्या सभी लोग प्रसन्न होते हैं. परीक्षा रद्द होने से जो भी सही परीक्षार्थी हैं, वह खुश होंगे कि प्रश्नपत्र लीक होने की बात आई तो सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी. इससे किसी को क्या प्रताड़ना हुई ?'
दिलचस्प बात यह है कि पत्रकारों से बातचीत के दौरान बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पेपर लीक को उन्होंने 'हल्का सा पेपर लीक' होने की बात कही. हालांकि, चौधरी ने कहा कि पीपली का फायदा किसी भी परीक्षार्थी को नहीं मिला. उन्होंने कहा कि 'बीपीएससी कितनी पारदर्शिता के साथ परीक्षा लेता है इसकी चर्चा ना केवल बिहार में है बल्कि पूरे देश में है. एक हल्का सा पेपर लीक या वायरल किया किसी ने, मगर किसी को लाभ नहीं मिला इसका.'
विजय चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की उस मांग को भी ठुकरा दिया, जिसमें परीक्षार्थियों को मुआवजा देने की बात कही गई थी. तेजस्वी ने कहा था कि जो भी परीक्षार्थी दूरदराज और दूसरे प्रदेशों से परीक्षा केंद्र पर पहुंचे हैं, उन्हें सरकार ₹5 हजार का मुआवजा दे. विजय चौधरी ने कहा कि 'कभी कोई परीक्षा रद्द होती है तो क्या किसी को कभी मुआवजा मिला है क्या?'