पुरुष और महिला की परिभाषा सिर्फ शारीरिक बनावट से तय नहीं – CJI
पुरुष और महिला की अवधारणा स्पष्ट नहीं करती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को लेकर संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। 18 अप्रैल को सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि ‘शादी का अर्थ एक बायोलॉजिकल पुरुष और बायोलॉजिकल महिला के बीच रिश्ता है।’
इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “शारीरिक तौर पर बनावट ही पुरुष और महिला की अवधारणा स्पष्ट नहीं करती है। आपके जननांग ये परिभाषित नहीं करते कि आप बायोलॉजिकल तौर पर एक पुरुष हैं। ये काफ़ी जटिल है।”