शोध की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा

Update: 2023-08-05 04:18 GMT

देश की उच्च शिक्षा में अनुसंधान और विकास का इंजन स्टार्ट करने के लिए सरकार ने लोकसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया है। देश भर के विश्वविद्यालयों में शोधपरक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय एजेंसी बनाने वाला विधेयक लोकसभा में पेश किया गया।

देश में अनुसंधान की संस्कृति को विकसित करना है लक्ष्य

केंद्रीय विज्ञान और तकनीकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसे पेश करते हुए बताया कि 'अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल-2023' निजी क्षेत्र की मदद से 50 हजार करोड़ रुपये के फंड की व्यवस्था करेगा। ताकि भारत के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों और आरएंडडी लैबों में अनुसंधान और विकास की संस्कृति विकसित हो सके।

विधेयक के तहत शोध के लिए सृजित किए जाएंगे फंड

सरकार के मुताबिक इस विधेयक के तहत शोध की विभिन्न विधाओं के लिए विभिन्न फंड सृजित किए जाएंगे। जैसे-अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन फंड विभिन्न वित्तीय गतिविधियों के लिए फंड देगा। फाउंडेशन के समर्थन से सृजनात्मक क्षेत्र में अनूठे शोध के लिए फंड होगा। साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड एक्ट, 2008 के तहत परियोजनाओं को जारी रखने के लिए विज्ञान व इंजीनियरिंग रिसर्च फंड और कुछ अन्य विशेष उद्देश्य के फंड विशिष्ट परियोजनाओं के रिसर्च पर काम करेंगे।

नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) देश में उच्च स्तरीय रणनीतिक वैज्ञानिक शोधों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों पर आधारित है। एनआरएफ एक सर्वोच्च निकाय है जो देश में वैज्ञानिक शोधों के लिए उच्च स्तरीय रणनीतिक दिशा-निर्देश जारी करेगा। उसके यह दिशा-निर्देश नई शिक्षा नीति की सिफारिशों के अनुरूप होंगे।

एनआरएफ की अध्यक्षता पीएम मोदी करेंगे

जितेंद्र सिंह ने बताया कि जब जून में केंद्रीय कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूर किया था तो इसका मकसद उद्योगजगत, अकादमिक और सरकारी विभागों व शोध संस्थानों के बीच सामंजस्य स्थापित करना था। एनआरएफ नीतिगत खाका तैयार करने में 15 से 25 प्रख्यात शोधकर्ता शामिल होंगे। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे और एनआरएफ के उपाध्यक्ष शिक्षा मंत्री और विज्ञान व तकनीक मंत्री होंगे।

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