देश का ब्लैक कैट हैकर, दुनिया में 'रोज' के नाम से है मशहूर, पढ़े पूरी स्टोरी

अपने स्कूल की वेबसाइट को हैक कर लिया था और उससे वो अपनी अटेंडेंस और मार्क्स को बदल देता था.

Update: 2021-11-02 09:56 GMT

बेंगलुरु: कर्नाटक में करीब एक साल बाद एक बार फिर से बिटकॉइन घोटाले पर बवाल शुरू हो गया है. इस घोटाले का मुख्य आरोपी श्रीकृष्ण रमेश है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने इसे बड़ी साजिश बताया है.

सिद्धारमैया ने ट्वीट कर कहा कि मिलिए 'बिग बॉस' श्रीक्की से, ये वो हैकर हैं जो पुलिस को भी धोखा देने में कामयाब रहे हैं. इस घोटाले में प्रभावशाली राजनेताओं के शामिल होने की जानकारी है. सिद्धारमैया ने लिखा कि चिंता की बात ये है कि जांच अधिकारी उन राजनेताओं की मदद के लिए मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार को अपनी ताकत का इस्तेमाल जांच को भटकाने के लिए नहीं करना चाहिए.
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि श्रीकृष्ण जब चौथी क्लास में था, तभी से उसे कम्प्यूटर में इंट्रेस्ट आ गया था और यहीं से कम्प्यूटर लैंग्वेज सीखनी शुरू की. बताया जाता है कि श्रीकृष्ण ने अपने स्कूल की वेबसाइट को हैक कर लिया था और उससे वो अपनी अटेंडेंस और मार्क्स को बदल देता था. इसके बाद जब वो 8वीं क्लास में पहुंचा तो ब्लैक कैट हैकर बन गया.
कहा जाता है कि बाद में वो इंटरनेट रिले चैट (आईआरसी) के जरिए दुनियाभर के हैकरों के संपर्क में आया. ब्लैक कैट हैकर की दुनिया में श्रीकृष्ण रमेश को 'रोज' और 'बिग बॉस' के नाम से जाना जाता है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कॉलेज में रहते हुए रमेश को शराब और ड्रग्स की लत लगी और इसके लिए पैसे कमाने के लिए उसने कई कंपनियों की वेबसाइट को हैक करना शुरू कर दिया. वो बिटकॉइन खरीदता था और डार्क नेट पर ड्रग्स खरीदने के लिए उसका इस्तेमाल करता था.
लेकिन नवंबर 2020 में रमेश के कुछ साथी गांजा लेने के लिए बेंगलुरु में एक डाकघर के पास गए थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. सूत्रों ने बताया कि रमेश ने डार्कनेट पर ड्रग्स खरीदने के लिए रॉबिन खंडेलवाल नाम के शख्स को पैसे ट्रांसफर किए थे, जो बिटकॉइन ट्रेडिंग सर्विस चलाते थे. पुलिस ने जब इन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की तो रमेश का सारा पिटारा खुल गया. पुलिस ने उस समय कथित तौर पर रमेश के पास 9 करोड़ रुपये के 31 बिटकॉइन बरामद किए थे. ईडी भी रमेश की संपत्ति की जांच कर रही है.
श्रीकृष्ण रमेश 25 साल का सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर है. बेंगलुरु के जयनगर में रहने वाले रमेश ने यहीं से स्कूली पढ़ाई पूरी की और फिर कम्प्यूटर साइंस में आगे की पढ़ाई करने के लिए 2014 में एम्सटर्डम चला गया. एम्सटर्डम से भारत लौटने के बाद रमेश कई हैकिंग में शामिल रहा. वेबसाइट हैक कर पैसे कमाकर रमेश उससे ड्रग्स पार्टी किया करता था. 2018 में उसके खिलाफ एक केस भी दर्ज किया गया था. उस पर एक व्यक्ति के साथ मारपीट करने का आरोप था.\

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