उत्तराखंड के 5 जिलों की भी दशा जोशीमठ जैसी

Update: 2023-01-11 01:01 GMT

उत्तराखंड। उत्तराखंड में जोशीमठ में भू-धंसाव की खबरें पिछले एक हफ्ते से सुर्खियां बटोर रही हैं. बद्रीनाथ धाम के रास्ते में पड़ने वाले इस पवित्र शहर में 678 इमारतों को असुरक्षित घोषित किया है और 82 परिवारों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. कई एक्सपर्ट्स ने जोशीमठ पर पुरानी रिपोर्टों का हवाला दिया है, जो अब सटीक साबित होती दिख रही हैं. स्थानीय लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है और वे घरों और होटलों की बढ़ती संख्या और तपोवन विष्णुगढ़ NTPC पन बिजली परियोजना समेत मानव निर्मित फैक्टर्स को दोषी ठहरा रहे हैं.

लेकिन जोशीमठ अकेला नहीं है. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में इसी तरह की और भी आपदाएं आ रही हैं. पौड़ी, बागेश्वर, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग का भी यही हश्र हो सकता है. इन जिलों के स्थानीय लोगों को जोशीमठ जैसे हालात का डर है.

 टिहरी जिले के नरेंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र के अटाली गांव से होकर गुजरने वाली ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन ने स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अटाली के एक छोर पर भारी लैंडस्लाइड के कारण दर्जनों मकानों में दरारें आ गई हैं. गांव के दूसरे छोर पर सुरंग में चल रहे ब्लास्टिंग के कारण घरों में भी भारी दरारें आ गई हैं.

अटाली निवासी हरीश सिंह का कहना है कि टनल में जब दिन और रात में ब्लास्टिंग होती है तो उनका घर हिलने लगता है. प्रभावित परिवारों में से कुछ अपने बच्चों के साथ रात के अंधेरे में बाहर निकलने को विवश हैं. अपर जिलाधिकारी टिहरी और एसडीएम नरेंद्रनगर ने भी सभी प्रभावित परिवारों के साथ बैठक की. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन हर छह माह में बैठक करता है लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.

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