Shimla. शिमला। साईबर ठग लोगों को अब विदेश से भेजे गए पार्सल के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। स्टेट सीआईडी के साईबर क्राईम विभाग द्वारा आम जनता के लिए एडवाईजरी जारी की गई है कि आजकल साईबर अपराधी छात्रों एवं हर उम्र के लोगों को नए-नए लुभावने तरीको से अपने जाल में फंसा रहे हैं। साईबर ठग कोशिश कर रहे है ताकि छात्र और महिला एवं पुरुष को विभिन्न तरीकों से जाल साजी द्वारा ठग कर उनसे भारी मात्रा में पैसो की ठगी की जा सके। डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया कि राज्य गुप्तचर विभाग साईबर क्राईम टोल फ्री नंबर 1930 पर हिमाचल की जनता से विभिन्न प्रकार के साईबर फ्राड से संबधित फोन काल्स आ रही हैं। जिस पर लोगों के शिकायतों का निवारण साईबर क्राईम के तीन थाना शिमला, मंडी व कांगडा द्वारा किया जा रहा है। आम जन मानस के ध्यानार्थ यह बताया जा रहा है कि साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को उनके मोबाईल पर क्यूआर कोड या लिंक बनाकर भेजा जा रहा है जिसे स्केन करने पर या लिंक पर कलिक करने पर ठगी का शिकार हो रहे हैं।
इसके अलावा साईबर ठग ऐसी मोबाईल एप्लीकेशन बना रहे हैं जो लोन देने व पैसों को इन्वेस्टमेंट करने के लिए लुभावने आफर दे रहे हैं और लोग इसके झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं। इन सबके अलावा आजकल साईबर अपराधी देश के विभिन्न राज्यों एवं हिमाचल प्रदेश के बहुत सारे लोगों के मोबाईल नंबर व उनके व्हटसएप नंबर पर उनके लिए विदेश से भेजे गए पार्सल के बारे में बताते हैं जिसके अंदर विभिन्न प्रकार की वस्तुएं होने का जिक्र किया जाता है। शातिरों द्वारा लोगों को यह बताया जाता है कि इस पार्सल में मादक पदार्थ है और यह अपराध की श्रेणी में आता है अत: आपके खिलाफ मादक प्रदार्थ अधिनियम के तहत केस किया जा रहा है। दूसरे राज्यों के पुलिस अधीकारी/कस्टम अधीकारी बनकर उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं। शातिर मामले को रफा-दफा करने के लिए पैसे की मांग करते हैं। इस तरह के अपराध का प्रचलन अकसर देखा जा रहा है जिससे जनता को सावधान रहने की आवश्यकता है। साईबर सेल की ओर से सूचित किया गया है कि यह साईबर अपराधी दूर के राज्यों से अपराध को अजांम देते है इनका मकसद लोगों को ब्लेकमेल करके पैसा ऐंठना होता है। ये साईबर अपराधी किसी भी समय दिन या रात अंजान लिंक भेज कर और विडियो काल करके लोगों को जाल में फसाते हैं जिस से आसानी से छात्र, महिला एवं पुरुष लोक लाज के भय से इनको पैसा भेज देते हैं। पैसा भेजने से पहले अपने किसी भी परिचित और पुलिस से संपर्क नहीं करते और ठगी का शिकार होने के बाद देरी से अपनी शिकायत दर्ज करवाते हैं।