हिंसा पर मुख्यमंत्री ने दिया बयान, कहा- हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकती पुलिस
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हरियाणा। हरियाणा के मेवात-नूंह में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हिंसा में जो भी नुकसान हुआ है, वह दंगाइयों से वसूला जाएगा. उन्होंने कहा कि दंगा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने लोगों को नुकसान पर दावा करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि हम पोर्टल के माध्यम से लोगों को हुए नुकसान का आकलन करेंगे. हम हालात पर बारीकी से नजर बनाए हुई हैं. मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. सीएम खट्टर ने कहा कि प्रदेश की आबादी 2.7 करोड़ है. हमारे पास 60 हजार जवान हैं, ऐसे में पुलिस हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकती. हमने अर्धसैनिक बल की 4 अतिरिक्त कंपनियां मांगी हैं. लेकिन पुलिस या सेना को ई भी सुरक्षा की गारंटी नहीं ले सकता. हमें शांति और सद्भाव बनाए रखना है. उन्होंने कहा कि नूंह में गोरक्षा के मुद्दे हैं. इस मामले की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस प्रवर्तन ब्यूरो की होगी. इस मामले में 100 जवान तैनात किए जाएंगे. मैं मुस्लिम युवाओं को प्रोत्साहित करता हूं कि वह गोरक्षा के लिए आगे आएं.
खट्टर ने कहा कि इस हिंसा में 6 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें 2 पुलिसकर्मी और 4 नागरिक शामिल हैं. इस केस में अभी तक 116 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जबकि 190 आरोपी हिरासत में हैं. हमने तय किया है कि दंगाइयों की पहचान की जाएगी और उन्हें मुआवज़ा देने के लिए उत्तरदायी बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मोनू मानेसर पर राजस्थान पुलिस ने केस किया था, लेकिन हमारे पास कोई इनपुट नहीं है. राजस्थान पुलिस इस काम में लगी हुई है. बाहरी व्यक्ति की भूमिका पर नजर रखी जा रही है. हम हजारों कॉल्स, सीसीटीवी कैमरे खंगाल रहे हैं. इन सभी की जांच की गई. इसके आधार पर ही 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 190 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है.
आजतक के सवाल पर सीएम खट्टर ने कहा कि हमने एक अधिनियम पारित किया है, जिसमें यह प्रावधान है कि सरकार सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के लिए मुआवजा जारी करती है, लेकिन जहां तक निजी संपत्ति का सवाल है, जिन लोगों को इससे जो नुकसान हुआ है, हम उसकी भरपाई करने के लिए उत्तरदायी हैं. इसलिए, हम सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के लिए प्रावधान करेंगे और निजी संपत्ति के लिए हम कहेंगे कि मुआवजा उन लोगों से लिया जाएगा, जो इसके लिए उत्तरदायी हैं. बता दें कि नूंह में हिंदू संगठनों ने हर साल की तरह इस बार भी बृजमंडल यात्रा निकालने का ऐलान किया था. प्रशासन से इसकी इजाजत भी ली गई थी. सोमवार को बृजमंडल यात्रा के दौरान इस पर पथराव हो गया था. देखते ही देखते यह हिंसा में बदल गया. सैकड़ों कारों को आग लगा दी गई. साइबर थाने पर भी हमला किया गया. फायरिंग भी हुई. इसके अलावा एक मंदिर में सैकड़ों लोगों को बंधक बनाया गया. पुलिस की दखल के बाद लोगों को वहां से निकाला गया. पुलिस पर भी हमला हुआ. नूंह के बाद सोहना में भी पथराव और फायरिंग हुई. वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.