केंद्र सरकार सऊदी अरब में दफन हिंदू व्यक्ति के अवशेष वापस लाने की प्रक्रिया कर रहे तेज, दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि शरिया कानून में कब्र में से शव निकालने पर कोई रोक नहीं है
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि शरिया कानून में कब्र में से शव निकालने पर कोई रोक नहीं है. कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार सऊदी अरब से उस हिंदू शख्स के अवशेष वापस लाने के मुद्दे को आगे बढ़ाए, जिसे वहां मुस्लिम रीति-रिवाजों के हिसाब से दफन कर दिया गया है. मामले में एमिकस क्यूरी वकील एफ खान ने न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह के समक्ष अभिवेदन दिया था जिसके बाद केंद्र सरकार ने कहा कि वह सऊदी सरकार की प्रतिक्रिया का कुछ और दिन इंतजार करेगी और उसकी प्रतिक्रिया नहीं आती है तो वह मुद्दे को आगे बढ़ाएगी.
केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि रमजान और कोविड-19 महामारी की वजह से शव के अवशेषों को वापस लाने की प्रक्रिया में समय लग रहा है. उसने अदालत को यह भी बताया कि सऊदी अरब के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मामले पर प्रगति हो रही है और कुछ वक्त की जरूत है.
केंद्र सरकार के अभिवेदन के बाद अदालत ने मामले को 12 मई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. अदालत मृतक संजीव कुमार की पत्नी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने यहां अंतिम संस्कार के लिए अपने पति के अवशेष लाने का अनुरोध किया है. कुमार की 24 जनवरी को दिल का दौरा पड़ने से सऊदी अरब में मौत हो गई थी और बाद में शव को वहीं दफन कर दिया गया था.
दूसरी तरफ, दिल्ली सरकार ने गुरुवार को उच्च न्यायालय को बताया कि उसने न्यायाधीशों, उनके स्टाफ और परिवारों के लिए एक पांच सितारा होटल में कोविड-19 केंद्र बनाने का आदेश वापस ले लिया है. न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने इस संबंध में सरकार के नए आदेश पर गौर किया और 27 अप्रैल को स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत द्वारा दायर याचिका का निस्तारण कर दिया.