सर्वे में आया सामने मोदी सरकार की सबसे बड़ी विफलता, अधिक जानने के लिए आगे पढ़े ....
मूड ऑफ द नेशन सर्वे: बेरोजगारी के बाद ये है मोदी सरकार की बड़ी विफलता
जनता से रिश्ता वेब डेस्क। मूड ऑफ द नेशन सर्वे में मोदी सरकार की सबसे बड़ी विफलता के तौर पर बेरोजगारी को आंका गया है. इसके बाद बढ़ती महंगाई का नंबर आता है.
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में तीन तलाक, अनुच्छेद 370, यूएपीए और सीएए जैसे कई अहम फैसले लिए गए हैं. इन सब मसलों के अलावा दूसरे बड़े मसलों पर इंडिया टुडे के लिए कार्वी इनसाइट्स ने 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे किया. इस सर्वे से साफ पता चलता है कि मोदी सरकार की लोकप्रियता अब भी बरकरार है. साथ ही यह बात भी फिर से सामने आई कि पीएम नरेंद्र मोदी अब भी देश में प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए सबसे तगड़े दावेदार हैं. हालांकि कुछ ऐसी चुनौतियां भी हैं जो मोदी सरकार के सामने हैं. इनमें सबसे बड़ी है बेरोजगारी की समस्या.
विफलताओं में सबसे ऊपर बेरोजगारी
लोगों ने इस सर्वे में सरकार की विफलताओं पर भी बात की. इसकी सूची में बेरोजगारी 29 फीसदी के साथ सबसे ऊपर है. लोगों के लिए बेरोजगारी अब भी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. इस बेरोजगारी के पीछे लॉकडाउन बहुत बड़ा कारण है. सर्वे के मुताबिक, इसके बाद सूची में महंगाई की समस्या लोगों को बहुत परेशान करती नजर आई. 13 फीसदी लोग ऐसे हैं जो चीजों की बढ़ी हुई कीमतों से परेशान नजर आए. उन्होंने इसे मोदी सरकार की बड़ी विफलता माना.
दिसंबर 2019 में महंगाई दर फिर से ऊंचाई पर पहुंच गई
बेरोजगारी के बाद लोगों को जो बात सबसे ज्यादा अखर रही है वह है चीजों की बढ़ती कीमतें. इस मोर्चे पर भी मोदी सरकार को लोगों ने विफल बताया है. मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में की गई नोटबंदी की गूंज अब भी सुनाई दे रही है. 10 फीसदी लोग अब भी मानते हैं कि नोटबंदी मोदी सरकार की विफलता थी. हालांकि सरकार हमेशा नोटबंदी के फैसले का बचाव करती आई है. नए किसान कानूनों से खड़ी हुई परेशानी को भी लोग मोदी सरकार की विफलता मान रहे हैं. सर्वे में शामिल 9 फीसदी लोग मानते हैं कि किसान संकट सरकार की विफलता है. भारत सरकार ने लॉकडाइन से लेकर वैक्सीनेशन तक के प्रयासों को अपनी सफलता माना है. लेकिन 8 फीसदी लोग मानते हैं कि मोदी सरकार कोविड-19 के संकट से निबटने में असफल रही है.
बड़ी चुनौतियों में कोविड-19 सब पर भारी
जहां तक भारत के लिए बड़े मुद्दे की बात है, तो इसमें कोविड-19 की समस्या लोगों को सबसे बड़ी नजर आई है. सर्वे में शामिल हुए 24 फीसदी लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस देश का सबसे बड़ा मसला है. इसके बाद लोगों ने बेरोजगारी को बड़ा मसला करार दिया है. इसे 23 फीसदी लोगों ने बड़ा मसला कहा है. बढ़ती कीमतों को 9 फीसदी लोगों ने देश के सामने नजर आ रही बड़ी समस्या माना है. किसानों का गुस्सा और देश में भ्रष्टाचार को 7-7 फीसदी लोग देश का बड़ा मसला मान रहे हैं. इस तरह से अगर हम देखें तो देश अब भी कोरोना की समस्या को लेकर काफी चिंतित है.
मूड ऑफ दे नेशन के सर्वे में 3 जनवरी 2021 से 13 जनवरी 2021 के बीच लोगों की राय ली गई. सर्वे में कुल 12,232 लोग शामिल हुए. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 67 फीसद और शहरी क्षेत्रों के 33 फीसद लोग शामिल थे. सर्वे में 19 राज्यों के 97 संसदीय क्षेत्र और 194 विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने हिस्सा लिया है.