BJP नेता की हत्या की साजिश रच रहे थे आरोपी, 4 साल पहले भाई का कत्ल हुआ था...
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल पुलिस टास्क फोर्स (STF) ने राज्य के एक भाजपा नेता की कांट्रैक्ट किलिंग (भाड़े पर हत्या) का ब्लूप्रिंट अमल में लाए जाने से पहले ही पकड़ लिया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल पुलिस टास्क फोर्स (STF) ने राज्य के एक भाजपा नेता की कांट्रैक्ट किलिंग (भाड़े पर हत्या) का ब्लूप्रिंट अमल में लाए जाने से पहले ही पकड़ लिया. ये प्लान यूपी की एक जेल के अंदर बंद शार्प शूटर ने बनाया था. जिस शार्प शूटर ने भाजपा नेता के भाड़े पर कत्ल की योजना बनाई थी, वो इसी भाजपा नेता के भाई के कत्ल के आरोप में चार साल से सलाखों में बंद हैं. इस भाजपा नेता के भाई की हत्या साल 2018 में की जा चुकी थी. उसके बाद से ही हत्यारे इस भाजपा नेता को निपटाने के रास्ते तलाश रहे थे. वजह यह थी कि यह भाजपा नेता बड़े भाई के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए अदालतों में एड़ी-चोटी तक का जोर लगा रहा है.
फिलहाल कांट्रैक्ट किलर हत्या की इस वारदात को अंजाम दे पाते उससे पहले ही, यूपी एसटीएफ ने उनके ब्लूप्रिंट को पकड़ लिया. कांट्रैक्ट किलिंग की इस वारदात को अंजाम देने के लिए सही मौके की तलाश में भटक रहे, भाड़े के तीनोंं शार्प शूटरों को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार शार्प शूटर्स का नाम मो. शानू उर्फ वकील उर्फ लंबू, मनोज सोयरी और दिलशाद अली है. तीनों शार्प शूटर प्रयागराज जिले के ही रहने वाले हैं.
5 मोबाइल फोन- 7 सिमकार्ड बरामद
इन तमाम तथ्यों की पुष्टि शुक्रवार रात टीवी9 भारतवर्ष से विशेष बातचीत में यूपी एसटीएफ प्रमुख (अपर पुलिस महानिदेशक) अमिताभ यश ने की. एसटीएफ प्रमुख के मुताबिक,"कांट्रैक्ट किलर्स के कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 7 मोबाइल सिमकार्ड और नकद रुपए भी जब्त किए गए हैं. गिरफ्तार शार्प शूटर शानू उर्फ वकील के खिलाफ थानाा फूलपुर (जिला प्रयागराज) में हत्या और हत्या की कोशिश सहित 5 मुकदमे दर्ज मिले हैं. जबकि इस पूरे प्लान को जेल में बैठकर बनाने वाले सोनू उर्फ सिराज नाम के कांट्रैक्ट किलर के ऊपर, प्रयागराज जिले के थाना फूलपुर में दो हत्या सहित अन्य कई धाराओं में आपराधिक मामले दर्ज मिले हैं.
ये सभी 10 मामले साल 2010 से लेकर 2014 तक की अवधि के बीच दर्ज पाए गए हैं. पूरा प्लान जौनपुर जेल में बंद रहते हुए ही सोनू उर्फ सिराज ने बनाया था." जानकारी के मुताबिक, साल 2018 में प्रयागराज जिले के फूलपुर कस्बा निवासी भाजपा नेता और समाजसेवी पवन केसरी की हत्या कर दी गई थी. अब गिरफ्तार तीन शार्प शूटरों में से एक मो. शानू उर्फ वकील उर्फ लंबू साल 2018 में हुए भाजपा नेता पवन केसरी हत्याकांड में भी शामिल रहा था.
पवन केसरी हत्याकांड से हिल गया था प्रयागराज
पवन केसरी की हत्या को लेकर उन दिनों प्रयागराज जिला मुख्यालय और फूलपुर कस्बे में खूब बवाल मचा था. हत्या से गुस्साए लोग कानून व्यवस्था तक चरमरा देने पर उतर आये थे. तब बेहाल पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. उसके बाद ही इलाके में शांति कायम हो सकी थी. हत्यारोपियों के ऊपर पुलिस ने "रासुका" जैसा सख्त कानून भी लगाया था. उन 11 हत्यारों में सोनू उर्फ सिराज भी गिरफ्तार होकर जेल भेजा गया था.
सिराज तब से यूपी की जेलों में कैद हुआ पड़ा है. फिलहाल वो यूपी की जौनपुर जेल में बंद है. उस मामले की पैरवी हत्यारों को सजा दिलाने के लिए भाजपा नेता रोहित केसरी लगातार कर रहे हैं. रोहित केसरी, साल 2018 में इन्हीं हत्यारों द्वारा मारे जा चुके पवन केसरी के सगे भाई हैं. उनकी जान को खतरे के मद्देनजर ही यूपी पुलिस ने रोहित केसरी को पवन केसरी हत्याकांड के बाद से ही दो-दो सरकारी सुरक्षा गार्ड दे रखे हैं. चूंकि रोहित केसरी भाई के हत्यारों को हर हाल में सजा दिलाने पर उतारु हैं. कई बार हत्यारों की ओर से मिली चुनौतियों के बाद भी उन्होंने अदालतों में पैरवी से पांव पीछे नहीं खींचे.
रास्ते का कांटा निकालने की खतरनाक साजिश
एसटीएफ प्रमुख के मुताबिक, इसी बात से पवन केसरी के हत्यारे विशेषकर जौनपुर जेल में बंद सोनू उर्फ सिराज खार खाये बैठा था. सोनू उर्फ सिराज को जब लगने लगा कि उसे अब सजा होना तय है. किसी भी कीमत पर पवन केसरी हत्याकांड की पैरवी से उनके भाई रोहित केसरी पीछे हटने को राजी नहीं है. लिहाजा उसने (जेल में बंद कांट्रैक्ट किलर सिराज) जौनपुर जेल में बंद रहते-रहते ही, भाजपा नेता और स्वर्गीय पवन केसरी के भाई रोहित को ही रास्ते से हटाने का प्लान बना डाला.
उसने सोचा कि वो तो जेल में बंद है. खुद के जेल के अंदर रहते हुए ही, अगर वो रोहित केसरी को भाड़े के शार्प शूटरों से मरवा डालेगा. तो इस कत्ल का आरोप उसके सिर नहीं आएगा. जेल में बंद होने से उस पर प्रयागराज पुलिस भी जल्दी शक नहीं करेगी. लिहाजा उसने एसटीएफ द्वारा शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए, तीनों शार्प शूटरों को ठेका दे दिया कि वे, भाजपा नेता रोहित केसरी का कत्ल कर दें.
शार्प शूटर तक जौनपुर जेल में मोबाइल किसने पहुंचाया
एसटीएफ अब इस बात की भी जांच कर रही है कि, जौनपुर जेल के अंदर बैठे-बैठे ही सिराज उर्फ सोनू ने इतनी खतरनाक योजना आखिर बना कैसे ली? एसटीएफ के एक उच्च पदस्थ सूत्र के मुताबिक, "संभव है कि जेल में बंद बदमाश ने यह पूरा षडयंत्र रचने में मोबाइल फोन का उपयोग किया हो. लिहाजा एसटीएफ अब रोहित केसरी को सुरक्षित बचा लेने के बाद इसी बात का पता लगाने में जुटेगी.
आखिर जेल की सलाखों के अंदर बंद इतने खतरनाक शार्प शूटर और कांट्रैक्ट किलर के पास मोबाइल पहुंचा कैसे? एसटीएफ की माने तो इसका खुलासा जल्दी ही शार्प शूटर और रोहित केसरी की हत्या का प्लान रचने वाला, जौनपुर जेल में बंद सोनू उर्फ सिराज ही कर देगा. फिलहाल अभी पहले हमें उसके षडयंत्र को निष्फल करना जरुरी था. वरना कांट्रैक्ट किलर मौका मिलते ही बेकसूर रोहित केसरी को मार डालते.
कॉंट्रैक्ट किलर शिकार के बेहद करीब थे
अपर पुलिस महानिदेशक यूपी एसटीएफ अमिताभ यश ने आगे कहा कि, "साल 2018 में अंजाम दिये गये पवन केसरी हत्याकांड में सोनू उर्फ सिराज के साथ मो. शानू उर्फ वकील और मनोज भी शामिल था. इनमें से शुक्रवार को गिरफ्तार शार्प शूटरों के साथ शानू उर्फ वकील भी दबोचा गया है. पकड़े गए तीनों कांट्रैक्ट किलर्स ने कबूला है कि उन्हें भाजपा नेता रोहित केसरी के कत्ल की सुपारी जौनपुर जेल में बंद शूटर सोनू उर्फ सिराज ने दी थी.
एसटीएफ की माने तो भाड़े के यह हत्यारे कत्ल की इस खतरनाक वारदात को अंजाम देने के बेहद करीब पहुंच चुके थे. इसी बीच जानकारी मिलने पर अपर पुलिस महानिदेशक और यूपी एसटीएफ प्रमुख तथा लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हेमराज मीना ने एसटीएफ मुख्यालय में तैनात पुलिस उपाधीक्षक लाल प्रताप सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अंजनी कुमार तिवारी के साथ मिलकर एक विशेष टीम प्रयागराज के लिए रवाना कर दी थी.