चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ श्री सांवलिया जी मंदिर में ठाकुर जी की प्रतिमा के पीछे सोने व चांदी की बैकप्लेट लगाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसे लगाने के बाद गर्भगृह में काफी सुधार हुआ है। इसके लिए सोना-चांदी अलग से खरीदने की जरूरत नहीं थी। यह पिछवाई सांवरा सेठ को भक्तों द्वारा उपहार में दिए गए सोने और चांदी को पिघलाकर बनाई गई है। इसके लिए 18 किलो सोना और 100 किलो चांदी की आवश्यकता थी। पिछवाई को बनाने में करीब 16 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पिछवाई बनाने के लिए राजकोट से मशीन मंगवाई गई. इसे बनाने वाली टीम भी करीब 3 महीने से यहां काम कर रही थी। इसके लिए विशेष तौर पर गार्डों की नियुक्ति की गई और सारा काम लगातार कैमरे की निगरानी में किया गया। मेवाड़ के कृष्ण धाम श्री सांवलिया जी मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
इस दौरान न सिर्फ दान दिया जाता है बल्कि कई श्रद्धालु सोने-चांदी की वस्तुएं भी चढ़ाते हैं। ऐसे में कई सालों तक सोना और चांदी जमा होने के बावजूद उनका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था. अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं श्री सांवलिया जी मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक गोयल ने पहल करते हुए इनका सही दिशा में उपयोग करने का निर्णय लिया। श्री सांवलिया जी मंदिर के सीईओ अभिषेक गोयल ने कहा कि मेरा मानना है कि ठाकुर जी को मिलने वाला धन उन्हीं के काम आना चाहिए. जहां ठाकुर जी की मूर्ति रखी गई है, उसके पीछे सागौन की लकड़ी के पैनल लगे हैं, जिन पर सोने के रंग की पॉलिश की गई है। इसके स्थान पर उन्हें भेंट की गई सोने-चांदी से बनी पिछवाई स्थापित करने का निर्णय लिया गया। पिछवाई बनाने का काम पूरा हो चुका है और इंस्टॉलेशन का काम भी लगभग पूरा हो चुका है।